Delhi Airport: धनंजय के दिमाग में लालच इस कदर हावी हो चुका था कि वह अब सही और गलत का अंतर भूल चुका था. इसी लालच में उसे ऐसी जगह पर लाकर खड़ा कर दिया, जहां से वापसी उसके लिए संभव ना थी. इस मामले में बुरी तरह फंस चुके धनंजय के सामने अब सच बोलने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. अब देखाना यह है कि यह सच धनंजय की कितनी मदद कर पाएगा, फिलहाल इसी सच को कबूलनामा मानकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
दरअसल, इस मामले की शुरूआत करीब दो महीने पहले बिहार के गोपालगंज से हुई थी. गोपालगंज में रहने वाले धनंजय ने लालच में आकर दो सौदे किए थे. पहला सौदा ₹1,00,000 में किर्गिज़स्तान तक पहुंचाने को लेकर हुआ था और दूसरा सौदा इतनी ही रकम में दुबई के लिए हुआ था. किर्गिज़स्तान का सौदा अपने अंजाम तक पहुंचता, इससे पहले एक बड़ा राजफाश हो गया. यहां धनंजय का पास मौका था कि दूसरे सौदे से अपना हाथ खींचकर खुद को बचा ले.
लेकिन, धनंजय के लालच ने उसे ऐसा नहीं करने दिया. उसने खुद आगे बढ़कर दूसरा सौदा किया. इस सौदे के लिए उसने एक बार फिर ₹1,00,000 का भुगतान किया. इस बाद सौदा दुबई भेजने को लेकर हुआ था. दुबई वाला सौदा अंजाम तक पहुंचता, इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो के अंतर्गत आने वाली एजेंसी ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को किर्गिज़स्तान के सौदे के बारे में पता चल गया. चूंकि धनंजय ने इस मामले की जानकारी पुलिस को नहीं दी थी, लिहाजा पहली कार्रवाई उसी पर हुई.
इन आरोपों के तहत गिरफ्तार हुआ धनंजय
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने धनंजय को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336(3), 340(2) और 61के तहत एफआईआर दर्ज कर धनंजय को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि वह बेहतर जिंदगी की आस में यूरोप जाना चाहता था. उसका यह सपना पूरा करने के लिए मुन्ना नामक एक एजेंट के जरिए दिल्ली में सरफराज अहमद मंसूरी से मिला.
2 महीने बाद सलाखों के पीछे पहुंचा मास्टरमाइंड
सरफराज अहमद मंसूरी ने एक लाख रुपए लेकर धनंजय को किर्गिज़स्तान का फर्जी वीजा थमा दिया. यही फर्जी आगे जाकर धनंजय के लिए गले की फांस बन गया. ऐसा नहीं है कि धनंजय को इस वीजा के बारे में पता नहीं था, उसने पता होने के बावजूद पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी. धनंजय की मदद से मिली जानकारी के आधार पर सरफराज को करीब दो महीने की लंबी कवायद के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. यहां सरफराज भले को ही जल्द जमानत मिल जाए, पर धनंजय के पासपोर्ट पर हमेशा के लिए काला दाग लग गया है.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 20:39 IST
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