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Pushkar Ancient Baidyanath Temple: पुष्कर का प्राचीन बैद्यनाथ मंदिर धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है. सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि इस शिवधाम की स्थापना स्वयं भगवान ब्रह्मा ने की थी. प्रकृति की गोद में स्थित यह स्थान भक्तों को आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ मनमोहक प्राकृतिक नजारा भी प्रदान करता है.

राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित बैद्यनाथ मंदिर धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है. यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और पुष्कर की पवित्र नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है.

मंदिर के पुजारी मदन सिंह रावत ने Bharat.one को बताया कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग अत्यंत प्राचीन है और इसका संबंध भगवान ब्रह्मा के समय से माना जाता है. यही वजह है कि यह मंदिर भक्तों को लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है.

मान्यता है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए पुष्कर में महायज्ञ किया था, तब उन्होंने यज्ञ की सुरक्षा के लिए पुष्कर के चारों ओर शिवलिंगों की स्थापना की थी ताकि महादेव की उपस्थिति में कोई भी नकारात्मक शक्ति उस यज्ञ में विघ्न न डाल सके. इन्हीं प्राचीन शिवलिंगों में से एक बैद्यनाथ मंदिर का शिवलिंग है, जो आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है.

पुजारी ने आगे बताया कि मंदिर के भीतर प्रवेश करने पर नीचे की ओर एक गुफा में सीढ़ियां जाती हैं. यहीं भगवान बैधनाथ का शिवलिंग स्थापित है. भक्तों ने यहां भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा भी स्थापित कर शिव परिवार को पूर्ण किया है

तीनों ओर पहाड़ी और कलकल बहता झरना इस पावन धाम की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है. श्रद्धालु झरने के जल को पवित्र मानते हैं और इस जल से ही भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

यहां पर सावन के पूरे महीने श्रद्धालुओं का मेला सा लगा रहता है. वहीं, महाशिवरात्रि पर चौदस की रात्रि को जागरण और शिवरात्रि को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
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