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नाथ नगरी से कैलाश तक की सीधी राह! जानिए क्यों खास है ये नया बोर्ड


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भोलेनाथ की नगरी में घूम रहे हो. इस चौराहे पर्यटक बरेली से पीलीभीत होते हुए टनकपुर वाया चंपावत होते हुए, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के रास्ते से मानसरोवर या कैलाश पर्वत के दर्शन करने के लिए पर्यटक जा सकते हैं.

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कैलाश

कैलाश पथ बरेली.

हाइलाइट्स

  • बरेली से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए मार्ग सुगम हुआ.
  • डमरू चौराहे पर कैलाश पथ के बोर्ड लगाए गए.
  • बरेली से उत्तराखंड की यात्रा अब और आसान.

बरेली: नाथ नगरी के नाम से मशहूर बरेली को महादेव की पूज्यधरा माना जाता है, क्योंकि यहां छह अलग-अलग स्थानों पर भगवान शिव स्वयंभू रूप में प्रकट हुए थे. यही कारण है कि यह भूमि शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है.
अब बरेली के डमरू चौराहे पर कैलाश पथ के बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से भगवान महादेव के पावन स्थलों के दर्शन कर सकें। इसके साथ ही, बरेली से उत्तराखंड तक की यात्रा और अधिक सुगम हो जाएगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड जाने का प्रमुख मार्ग बरेली से होकर ही गुजरता है. यह रास्ता सीधे कैलाश मानसरोवर यात्रा से भी जुड़ता है.

तीर्थयात्रा का प्रमुख प्रवेश द्वार
यदि कोई श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर या बद्रीनाथ धाम की यात्रा करना चाहता है, तो उसका मार्ग बरेली के डमरू चौराहे से होकर ही जाता है. इसलिए यहां कैलाश पथ का बोर्ड स्थापित किया जा रहा है, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को स्पष्ट दिशानिर्देश मिल सकें.
इस प्रयास के तहत बरेली को धार्मिक थीम पर सजाया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को ऐसा अनुभव हो जैसे वे भोलेनाथ की नगरी में भ्रमण कर रहे हों.

नाथ नगरी की ऐतिहासिक मान्यता
बरेली के वरिष्ठ पत्रकार एवं इतिहासकार डॉ. राजेश कुमार शर्मा ने Bharat.one से खास बातचीत में बताया कि जब यह नगरी पूरी तरह विकसित नहीं हुई थी, तब यहां छह स्थानों पर भगवान शिव स्वयंभू रूप में प्रकट हुए थे. तभी से इस भूमि को नाथ नगरी के नाम से जाना जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड, जो पहले उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा था, अब तीव्र गति से विकसित हो रहा है. हल्द्वानी को गेटवे ऑफ हिल्स के नाम से जाना जाता है और यह धार्मिक यात्राओं के लिए एक प्रमुख केंद्र है.
डॉ. शर्मा ने बताया कि, कैलाश मानसरोवर और बद्रीनाथ धाम जाने के लिए बरेली ही मुख्य मार्ग है, इसलिए डमरू चौराहे पर कैलाश पथ के बोर्ड लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह बरेली का निरंतर विकास हो रहा है और इसे त्रिशूल एवं डमरू से सजाया जा रहा है, उससे यह आभास होता है कि श्रद्धालु शिव नगरी में ही विचरण कर रहे हैं.

डमरू चौराहे पर स्थापित हो रहा है कैलाश पथ बोर्ड
बरेली के डमरू चौराहे पर स्थापित किया जा रहा कैलाश पथ बोर्ड न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए सहायक होगा, बल्कि यह तीर्थयात्रियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक का कार्य करेगा.
अब आप बरेली से उत्तराखंड तक की यात्रा पहले से कहीं अधिक आसान तरीके कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड जाने वाले प्रमुख मार्गों में बरेली मुख्य केंद्र होने के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा को इसी मार्ग से जोड़ा जा रहा है. इसी कारण डमरू चौराहे पर कैलाश पथ के बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जो इस पावन यात्रा को और अधिक सुव्यवस्थित बनाएंगे.

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नाथ नगरी से कैलाश तक की सीधी राह! जानिए क्यों खास है ये नया बोर्ड….


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-from-nath-nagri-bareilly-you-can-now-go-towards-kailash-pad-to-visit-mansarovar-tourists-will-have-to-go-via-nath-city-bareilly-local18-9018481.html

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