बाड़मेर. रेगिस्तान यानि रेत के टीले, धोरों के बीच कठिन जीवन. दूर दूर तक सूखा. लेकिन राजस्थान के सीमाई इलाके बाड़मेर में तो अलग ही तस्वीर दिख रही है. मरुस्थल में मालदीव जैसा नजारा देखकर आप चकरा जाएंगे. नजारा सुंदर रहता है लेकिन ये दरअसल यहां की बदहाली की तस्वीर है.
रेगिस्तान वह इलाका है जहां पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है. लेकिन रेगिस्तान में भी मालदीव का नजारा है. यहां एक इलाके में दूर दूर तक आपको टापू ही टापू नजर आएंगे. साल में करीब 2 माह तक यह टापू नजर आते हैं. दरअसल ये कोई पर्यटन स्थल नहीं. ना ही ये खूबसूरत नजारा है. बल्कि यहां की बदहाली है. बारिश के बाद ये इलाका पूरी तरह से डूब जाता है मानो कोई समंदर हो.
धोरों में टापू
दुनियाभर में राजस्थान का नाम सुनते ही आम आदमी के दिमाग में रेगिस्तान की तस्वीर सामने आने लगती है. लेकिन आज हम आपको राजस्थान की ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा. दूर दूर तक नजर आने वाले टापू का नजारा बाड़मेर जिले के एक गांव का है जहाँ 400 हैक्टेयर में टापू ही टापू नजर आते हैं.
मरुस्थल में पानी
धोरीमन्ना उपखण्ड क्षेत्र के झाखरड़ा जिप्सम खनन का इलाका है. करीब 15 साल पूर्व इस इलाके में बहुतायत संख्या में जिप्सम का अवैध खनन होता था. इसलिए यहां गड्ढे बन गए थे. खनन के बाद माफिया इन गढ़्ढ़ों को ज्यों का त्यों छोड़ गया है. बारिश के कारण इन गढ्ढ़ों में पानी भर जाता है जो बाद में टापू का रूप ले लेते हैं. धोरों के बीच इस तरह का टापुओं वाला अभयारण्य भी चौंकाने वाला है. हालांकि यह टापू किसी समुद्री आइलैंड से कम नहीं हैं.
रेगिस्तान में समंदर
यहां बारिश के अलावा नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी छोड़ा जाता है. इससे 5 किलोमीटर तक रेगिस्तान में समंदर नजर आने लगता है. यह इलाका प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद बन गया है. यहां सर्दियों में यूरोप, ईरान से आकर पक्षी अपना डेरा डालते हैं.
FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 18:30 IST
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https://hindi.news18.com/news/rajasthan/barmer-ocean-in-the-desert-a-view-like-maldives-amidst-the-sand-dunes-more-than-500-islands-will-be-shocked-to-know-the-reason-8427361.html







