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Mana Last Village Of India : माणा गांव एक ऐसे स्थान की तरह है जो स्वर्गीय सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है. हिमस्खलन जैसी घटनाएं, जो इसकी प्राकृतिक चुनौती का हिस्सा हैं, इस इलाके की कठिनाइयों को और अधिक उ…और पढ़ें

भारत का अंतिम गांव
हाइलाइट्स
- माणा गांव भारत का अंतिम गांव है.
- यह गांव धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है.
- माणा गांव की प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है.
Mana Last Village Of India : उत्तराखंड का माणा गांव, भारत के सबसे ऊंचे और खूबसूरत गांवों में से एक है. यह गांव सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. हाल ही में, माणा गांव के पास हिमस्खलन ने एक नई चुनौती को जन्म दिया. इस दुर्घटना ने न केवल क्षेत्रीय लोगों को चिंता में डाल दिया, बल्कि यह घटना भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक एक महत्वपूर्ण रास्ते पर भी असर डालने वाली थी. हिमस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 57 मजदूरों की मदद के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है.
कहां है माणा?
माणा, बद्रीनाथ से केवल 3 किमी दूर स्थित, समुद्रतल से लगभग 3200 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. यह गांव एक ओर जहां प्रकृति की अद्भुत सुंदरता से घिरा है, वहीं दूसरी ओर यह भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं के साथ भी गहरा संबंध रखता है. माणा गांव, भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित अंतिम गांव है और यहां की नदियों और पहाड़ियों के दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते.
माणा गांव के पास देखने योग्य स्थल
माणा गांव और इसके आसपास की वादियां पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं. यहां सरस्वती और अलकनंदा नदियों का संगम होता है, जो दर्शनीय स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा, इस क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं भी स्थित हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. इस गांव की ऊंचाई और प्राकृतिक सुंदरता यह साबित करती है कि यह स्थान एक अद्वितीय पर्यटन स्थल है.
गांव के पास स्थित भीमपुल, पांडवों से जुड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है. ऐसा कहा जाता है कि पांडव स्वर्ग जाने के लिए इसी रास्ते से गुज़रे थे. भीमपुल एक विशाल प्राकृतिक पुल है, जिसे पांडवों के समय में भीम ने दो बड़ी शिलाओं को जोड़कर बनाया था. यह स्थल धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
सर्दियों में माणा गांव की कहानी
माणा गांव की सर्दियां बहुत कठोर होती हैं और बर्फबारी के कारण यह इलाका ठंड से पूरी तरह ढक जाता है. इसके कारण गांव के लोग, सर्दी शुरू होते ही, चमोली जिले के निचले इलाकों में चले जाते हैं. इस समय माणा गांव में बहुत कम लोग रहते हैं और गांव का माहौल सुनसान सा हो जाता है.
February 28, 2025, 19:07 IST
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