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Barmer Tourist Places: धरती पर स्वर्ग देखना है? तो एक बार घूम आइए रेगिस्तान की इन जगहों पर, नहीं भूलेंगे सफर

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Rajasthan Famous Tourist Place: किसने कहा स्वर्ग केवल बर्फीली वादियों में होता हैं? जनाब रेगिस्तान में तो रेत भी सोने सी चमकती है. दिन में सूरज सुनहरी चादर बिछा देता है और रात को तारे ऐसे जगमग होते हैं जैसे आसमान में किसी ने दीए जला दिए हों. इस सीजन घूम आते हैं राजस्थान के उन “स्वर्गीले ठिकानों” पर जहां रेत, राजसी ठाठ और रोमांच तीनों मिलते हैं. कच्छ का रण, बाड़मेर के रोहिड़ी धोरे, रेडाणा की झील जैसी धरती ऐसी जगहें हैं, जहां लगता है मानो किसी दूसरी दुनिया में कदम रख दिया हो.

भारत में घूमने लायक कई जगहें है. इन जगहों पर जाकर आपको ऐसा लगेगा कि आप एक अलग ही दुनिया में आ गए हैं. भारत अपनी परंपराओं, मंदिरों और रंग-बिरंगे त्योहारों के लिए फेमस है. देश में ऐसी कई प्राकृतिक जगहें हैं जो किसी जादू जैसी लगती है. इन जगहों पर आप अपनी फैमली के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं. भारत की ये जगहें इतनी शांत है कि वहां पहुंचकर लगता है जैसे किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों.

बाखसर के रण में सिर्फ एक रेगिस्तान नहीं बल्कि एक अद्भुत प्राकृतिक नजारा देखने को मिलता है. सफेद नमक से ढकी ये विशाल धरती दूर तक फैली हुई है और दोपहर की धूप में चमकते क्रिस्टल जैसी लगती है. दिन में इसकी चमक आंखों को चकाचौंध कर देती है जबकि रात में खासकर पूर्णिमा के समय यह पूरी तरह चांदी सी रोशनी में नहाया हुआ दिखता है. दिन से रात में इसका यह जादुई बदलाव ही इसे भारत के सबसे खूबसूरत और अनोखे प्राकृतिक अनुभवों में शामिल करता है.

रोहिड़ी के धोरे बाड़मेर जिले में एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल है जो अपनी सुंदरता और विशालता के लिए जाना जाता है. ये धोरे सम के धोरों से भी ऊंचे और विशाल हैं और यहां रेतीले और चमकते हुए धोरे हैं. धोरे मखमल की तरह हैं और यहां की रेत गर्मियों में बहुत गर्म हो जाती है और सर्दियों में बहुत ठंडी.

यूं तो राजस्थान के अनेक गांव-कस्बों में बरसाती पानी छह माह की बजाय सालभर तक भरा मिल जाएगा. मगर उन गांव-कस्बों में वह पानी जोहड़, तालाब, नदी या किसी झील के रूप में मिलेगा जबकि रेडाणा की भूमि समतल है ऐसे में यहां भरा पानी किसी समुद्र की तरह दिखता है. रेडाणा गांव पहाड़ों से घिरा हुआ है. रेडाणा की मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें करीब 2 फीट नीचे ग्रेवल हैं जो पानी को रेगिस्तान की अन्य मिट्टी की तुलना में कम सोखती है इसलिए यहां पर पानी एकत्रित हो जाता है.

देवका सूर्य मंदिर एक छोटे से गांव देवका में स्थित है, जो बाड़मेर से 62 किलोमीटर की दूरी पर है. 13 वीं शताब्दी में बना ये मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. विष्णु मंदिर के अलावा दो और मंदिरों के निकट होने के कारण काफी पर्यटक यहां आते हैं. इस मंदिर की ख़ास बात एक विशेष मूर्ति है जिसमें भगवान गणेश को एक पत्थर पर बैठे हुए दिखाया गया है.

किराडू बाड़मेर जिले में स्थित 5 मंदिरों का एक समूह है, जिसे राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है. बाड़मेर से लगभग 35 किमी दूर स्थित है. ये 11वीं शताब्दी में परमार वंश द्वारा निर्मित किए गए थे और अपनी अद्भुत वास्तुकला और शिल्प सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं.

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धरती पर स्वर्ग का एहसास, राजस्थान के इन हिडेन जेम्स को देख आप हो जाएंगे दीवाने


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