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Navratri Temple In Hyderabad: नवरात्रि के पावन अवसर पर हैदराबाद के कुछ प्रमुख मंदिरों का दर्शन करना एक अद्भुत अनुभव है. यहां की भव्य वास्तुकला, पूजा पद्धति और धार्मिक परंपराएं श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक अनुभव देती हैं. इस नवरात्रि, इन मंदिरों की यात्रा करना धर्म और संस्कृति की गहरी झलक पेश करता है.

हैदराबाद जहां एक ओर ऐतिहासिक चारमीनार और रामोजी फिल्म सिटी की चकाचौंध है, वहीं दूसरी ओर यह शहर एक गहरी आध्यात्मिक शांति का भी केंद्र है. और नवरात्रि का पर्व आते ही यह शांति एक उल्लास और उत्सव में बदल जाती है. शहर के मंदिरों में एक अद्भुत ऊर्जा और रौनक छा जाती है, जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करती है. अगर आप इस नवरात्रि में हैदराबाद में हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन करना न भूलें.

बिरला मंदिर: नवरात्रि में बिरला मंदिर की छटा निराली हो जाती है. नायपल्ली पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर जो सफेद संगमरमर से बना है. नवरात्रि के दिनों में रोशनी से जगमगा उठता है. पूरे मंदिर परिसर को हज़ारों दीयों और रंगीन बल्बों से सजाया जाता है. रात के समय यह नज़ारा अत्यंत मनोरम लगता है. मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान शिव की मूर्तियों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. यह पारिवारिक दर्शन के लिए एकदम सही जगह है.

श्री जगदम्बा मंदिर, हैदराबाद का सबसे प्राचीन शक्तिपीठ: चारमीनार के निकट स्थित यह मंदिर हैदराबाद के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है. नवरात्रि के दौरान यहां का माहौल देखने लायक होता है. नौ दिनों तक चलने वाले विशेष पूजा-अनुष्ठान और हवन होते हैं. मां जगदम्बा की मूर्ति को फूलों और आभूषणों से सजाया जाता है. यहां की खास बात है बोनालु उत्सव की झलक, जो तेलंगाना की एक अनूठी परंपरा है.

श्री उज्जैनी महाकाली मंदिर, सिकंदराबाद: सिकंदराबाद में स्थित यह मंदिर मां काली को समर्पित है. इसे हैदराबाद-सिकंदराबाद का सबसे प्रमुख शक्ति मंदिर माना जाता है. नवरात्रि में यहां विशाल मेले जैसा माहौल होता है. मंदिर को फूलों और लाइट्स से अत्यंत आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. अष्टमी और नवमी के दिन यहां विशेष पूजा होती है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

श्री पेद्दम्मा मंदिर, मेहदीपट्नम: मेहदीपट्नम में स्थित यह मंदिर तेलंगाना क्षेत्र की कुलदेवी, मां पेद्दम्मा को समर्पित है. यह मंदिर न केवल आस्था बल्कि स्थानीय संस्कृति का भी महत्वपूर्ण केंद्र है. नवरात्रि में यहां नौ दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिसमें शास्त्रीय संगीत, नृत्य और भजन संध्या शामिल हैं. मंदिर परिसर में हजारों भक्तों के लिए विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है.

श्री चिलकुर बालाजी मंदिर: हैदराबाद से कुछ किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है. इसे “हैदराबाद का तिरुपति” कहा जाता है. नवरात्रि के दिनों में यहां विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. मंदिर की प्राकृतिक सेटिंग और हरियाली के बीच दर्शन करने का अनुभव अदभूत है.
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