उल्लेखनीय है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर ऑपरेशन को लेकर हाई-लेवल मीटिंग्स कीं है, जिसमें डीजीसीए, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के अधिकारी शामिल थे. इन मीटिंग्स का मकसद सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन पर जोर देना था. खास बात ये है कि मई-जून 2025 में चारधाम सेक्टर में हुए हेलीकॉप्टर हादसों के बाद डीजीसीए ने सेफ्टी को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है.
डीजीसीए ने चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. 13-16 सितंबर 2025 को डीजीसीए की टीम ने सभी हेलीपैड्स, हेलीकॉप्टर्स, ऑपरेटर्स की तैयारियों और सपोर्ट फैसिलिटीज का गहन ऑडिट किया था. इसके बाद ही हेलीकॉप्टर ऑपरेटर्स को ऑपरेशन्स की मंजूरी दी गई है. साथ ही, सभी हेलीकॉप्टर ऑपरेटर्स और पायलट्स को डीजीसीए ने एक खास ब्रीफिंग दी, जिसमें ऑपरेशन्स के दौरान आने वाली चुनौतियों और अतिरिक्त सेफ्टी मेजर्स पर फोकस किया गया. ये सुनिश्चित किया गया कि हाई-एल्टीट्यूड इलाकों में मौसम की चुनौतियों और तकनीकी दिक्कतों को हैंडल करने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाए.
चारधाम यात्रा के लिए होगी दो तरह की हेलीकॉप्टर सर्विस
डीजीसीए के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस दो तरह की होगी. पहली चार्टर सर्विस और दूसरी शटल सर्विस. चार्टर सर्विस देहरादून (सहस्त्रधारा) से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए होगी. वहीं, शटल सर्विस गुप्तकाशी, फाटा और सितापुर क्लस्टर से श्री केदारनाथ जी हेलीपैड के लिए उपब्ध होगी. इस बार कुल छह हेलीकॉप्टर ऑपरेटर्स शटल सर्विस और सात ऑपरेटर्स/कंसोर्टियम्स चार्टर फ्लाइंग ऑपरेशन्स को अंजाम देंगे. ये सर्विसेज खास तौर पर हाई-एल्टीट्यूड और रिमोट इलाकों में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन की गई हैं, जहां सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल होता है.
तीर्थयात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए डीजीसीए ने सेफ्टी को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं. इनमें कदमों में पायलट्स की क्वालिफिकेशन, ट्रेनिंग, हेलीकॉप्टर्स की एयरवर्थिनेस सहित कई पहलू शामिल है. आइए विस्तार से जानते हैं कि डीजीसीए ने सेफ्टी के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं.
- पायलट्स की क्वालिफिकेशन और ट्रेनिंग
चारधाम सेक्टर में सिर्फ़ पहले से क्वालिफाइड और अनुभवी पायलट्स को ही ऑपरेशन की इजाजत दी जाएगी. हाई-एल्टीट्यूड ऑपरेशन्स, खराब मौसम को हैंडल करने और क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट पर खास ट्रेनिंग दी गई है. - हेलीकॉप्टर्स की एयरवर्थिनेस
सभी हेलीकॉप्टर्स की गहन जांच की गई है. मैन्युफैक्चरर की ओर से दी गई मेंटेनेंस गाइडलाइन्स को सख्ती से फॉलो किया जाएगा और ऑपरेटिंग सीज़न में चेक्स की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई गई है. - ऑपरेशनल सेफ्टी मेजर्स
वेट एंड बैलेंस लिमिट्स को सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि चुनौतीपूर्ण टेरेन में टेक-ऑफ और लैंडिंग सुरक्षित हो. मॉडर्न नेविगेशन और कम्युनिकेशन टूल्स का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है. साथ ही, पायलट्स को रियल-टाइम वेदर अपडेट्स देने के लिए एक डेडिकेटेड सिस्टम बनाया गया है. - एयर ट्रैफिक सर्विसेज
AAI की ओर से एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को तैनात किया गया है, जो एडवाइजरी रोल में काम करेंगे. मौसम विभाग की ओर से मेट्रोलॉजिकल ऑफिसर्स और उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) की ओर से क्वालिफाइड पर्सनल कंट्रोल रूम्स में मौजूद रहेंगे. - पैसेंजर्स की सेफ्टी और अवेयरनेस
हर पैसेंजर को बोर्डिंग से पहले सेफ्टी ब्रीफिंग दी जाएगी, जिसमें सीट बेल्ट्स, सेफ एम्बार्केशन/डिसएम्बार्केशन और इमरजेंसी प्रोसीजर्स की जानकारी शामिल होगी. हेलीपैड्स पर एक्स्ट्रा ग्राउंड सेफ्टी स्टाफ तैनात किए गए हैं, जो पैसेंजर्स की मूवमेंट को रेगुलेट करेंगे. - सख्त मॉनिटरिंग
DGCA की फ्लाइट ऑपरेशन्स और एयरवर्थिनेस टीमें क्रिटिकल हेलीपैड्स पर मौजूद रहेंगी. सरप्राइज चेक्स और ऑडिट्स के जरिए सेफ्टी डायरेक्टिव्स का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
हादसों के बाद डीजीसीए ने लिया सबक
मई-जून 2025 में चारधाम सेक्टर में हुए हेलीकॉप्टर हादसों ने सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. इसके बाद हाई-पावर्ड कमेटियों ने कई सुझाव दिए, जिनमें से ज्यादातर को लागू कर दिया गया है. डीजीसीए ने साफ कर दिया है कि पैसेंजर्स और क्रू की सेफ्टी से कोई समझौता नहीं होगा. आपको बता दें कि चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र तीर्थ स्थल हाई-एल्टीट्यूड और रिमोट इलाकों में हैं. सड़क मार्ग से इन तक पहुंचना कई बार मुश्किल और समय लेने वाला होता है. हेलीकॉप्टर सर्विस न सिर्फ समय बचाती है, बल्कि बुजुर्गों और उन तीर्थयात्रियों के लिए भी सुविधाजनक है, जिन्हें लंबी यात्रा में दिक्कत होती है.
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https://hindi.news18.com/news/nation/chardham-yatra-helicopter-service-begin-again-dgca-placed-several-condition-and-restriction-9641187.html