Delhi Airport Roof Collapse: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल वन का छज्जा नहीं, बल्कि फोरकोर्ट एरिया में आने वाली लगभग पूरी छत गिरी है. इस हादसे में नौ लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं और एक शख्स की जान चली गई है. अपने निर्माण के पहले दिन से अब तक लगातार सुर्खियों में रहने वाला दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल वन इस हादसे के बाद एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस बार सवाल यह है कि शुक्रवार सुबह हुए इस हादसे के लिए असल जिम्मेदार कौन है?
क्या जिम्मेदार वे लोग हैं, जिन्होंने बेवजह इस टर्मिनल का निर्माण किया, या फिर वे लोग जिन्होंने एयरपोर्ट के मास्टर प्लान को बदलकर इस टर्मिनल को आईजीआई एयरपोर्ट के भविष्य से जोड़ दिया. या फिर, वे लोग जिन्होंने सिर्फ तीन महीने पहले इस टर्मिनल से फ्लाइट ऑपरेशन के लिए ग्रीन सिग्नल दिया था. इस हासदे के लिए टर्मिनल वन का निर्माण करने वाली जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड तो सीधे तौर पर जिम्मेदार है ही, लेकिन साथ में कुछ अन्य एजेंसियां भी अब सवालों के घेरे में हैं.
सवालों के घेरे से बाहर नहीं डीजीसीए और बीसीएएस
टर्मिनल वन पर हुए इस हादसे के बाद अब कटघरे में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया के वह अधिकारी भी हैं, जिन्होंने कुछ महीनों पहले ही इस टर्मिनल को पैसेंजर फ्लाइट ऑपरेशन के लिए ग्रीन सिग्नल दिया था. यहां आपको बता दें कि 2016 तक जिस टर्मिनल को ढहा दिया जाना था, 2016 में मास्टर प्लान बदलकर उस टर्मिनल को दिल्ली एयरपोर्ट के भविष्य से जोड़ते हुए इंट्रीग्रेटेड टर्मिनल वन का हिस्सा बना दिया गया. अब महज 13 साल पुराने टर्मिनल के एक हिस्से की छत एक युवक की मौत का कारण बन गई है.
जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रा की देखरेख पर बड़ा सवाल
करीब सात साल चले एक्सपेंशन वर्क के बाद टर्मिनल वन को एक नया स्वरूप प्रदान किया गया. लाजमी है कि इस एक्सपेंशन वर्क के दौरान इस टर्मिनल के तमाम कमजोर हिस्सों को रिपेयर कर मजूबत करने की कवायद भी की गई होगी. अब यह कवायद कितनी उम्दा थी, इसकी बानगी दिल्ली की इस साल की पहली बारिश के बाद देखने को मिल गया. इतना ही नहीं, विश्व के बेहतरीन एयरपोर्ट का क्लेम करने वाली जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रा कितने बेहतर तरीके से टर्मिनल की देखभाल कर रही थी, वह भी अब सबके सामने है.
क्या प्री-मानसून को लेकर तैयार था जीएमआर इंफ्रा
ऐसा नहीं है टर्मिनल वन की छत गिरने की यह पहली घटना है. इससे पहले भी टर्मिनल वन की छत बारिश की चंद बूदों के साथ जमीन पर आ चुकी है. ऐसे में, जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रा की जिम्मेदारी बनती है कि बारिश से पहले उन सभी संभावनाओं को तलाशे, जो बारिश के दौरान एयरपोर्ट ऑपरेशन के लिए बाधा बन सकती है. इस काम को जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रा ने कितने जिम्मेदारी के साथ निभाया, इसका सबूत टर्मिनल वन की छत के गिरने के बाद सामने आ गया. यहां तो पानी की निकासी और सीलिंग पर लगे खंभों के नट बोल्ट को चेक करने की भी जहमत नहीं उठाई गई.
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 15:44 IST
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