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PM Narendra Modi in Dhar Tourism | अपने जन्मदिन पर धार में पीएम मोदी


Dhar Attraction: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के लिए मध्य प्रदेश के धार जिले को चुना है. हालांकि वे अपने जन्मदिन पर कोई विशेष समारोह नहीं करते लेकिन अधिकांश बार वे सेनाओं के साथ अपना जन्मदिन मनाते हैं. इस बार उन्होंने धार जिले को चुना है. इसका खास मकसद है. दरअसल, धार अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है. धार कुदरती सुंदरता, इतिहास और लोककथाओं को अद्भुत संगम स्थल है. यहां की नदी, घाटी और पहाड़ किसी को अपनी ओर खींच सकता है. अपने भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल सुकून का बिताने के लिए आपको एक बार अवश्य यहां की यात्रा करनी चाहिए. यहां की हर शै में रानी रुपमती की कहानियां गूंजती रहती है. आइए धार जिले के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में आपको बताते हैं.

धार जिले की खासियत

धार जिला मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में बसा सुंदर शहर है. राजधानी दिल्ली से यह 865 किलोमीटर की दूरी पर है जबकि भोपाल से इसकी दूरी 255 किलोमीटर है. धार इतिहास और प्रकृति का अनूठा संगम है. यहां की हरियाली, विंध्याचल पर्वत की घाटियां और नर्मदा नदी की खूबसूरती पर्यटकों को हमेशा अपने ओर बुलाती है. धार अपने प्राचीन किलों, धार्मिक स्थलों और कुदरती झरनों के लिए प्रसिद्ध है. धार की पहाड़ियां, तलहटी इलाके और घाटियां मन को शांति और सुकून देती हैं. यहां का मौसम अक्सर सुहाना होता है. सर्दियों के महीने अक्टूबर से मार्च तक यहां की यात्रा करना बेस्ट होगा.

धार में पर्यटन स्थल

धार किला- धार किला धार जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है. यह किला शहर के उत्तर में एक छोटी, आयताकार पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है. इसे लाल बलुआ और काला पत्थर से बनाया गया है. किले हिन्दू, मुस्लिम और अफगान वास्तुकला के तत्व शामिल हैं, जो इसके समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं. परमार शासक राजा भोजदेव (1010-1055) ने इस किले का प्रारंभिक निर्माण कराया था. तब इसे धार गिरी लीलोद्यान के नाम से जाना जाता था. 1305 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति आईनुल मुल्क मुल्तानी ने मालवा पर आक्रमण कर परमार वंश का अंत किया और किले को कब्ज़ा बनाया. इसके बाद किले में कई बार पुनर्निर्माण और सुधार हुआ. 1857 भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने इस किले पर कब्ज़ा कर उसे चार महीनों तक अपने नियंत्रण में रखा. धार किला सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं बल्कि विभिन्न कालों की राजनीतिक और सांस्कृतिक कहानी कहता है. इसकी दीवारों में इतिहास के कई उतार-चढ़ावों की गूंज सुनाई देती है, जो इसे मध्यभारत के प्रमुख किलों में से एक बनाती है

मांडू का ऐतिहासिक वैभव-
धार जिले का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडू है, जो अपनी मध्यकालीन वास्तुकला की वजह से दुनियाभर में जाना जाता है. मांडू में जहाज महल, रानी रूपमती महल, हिंडोला महल, जामी मस्जिद और नीलकंठेश्वर मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं. इनके अलावा यहां का हाथी दरवाजा और शिव मंदिर भी अतुलनीय हैं. मांडू की गलियां और महल इतिहास की गाथाएं बयां करते हैं जो पर्यटकों को भटकने का आनंद देती हैं. यहां रानी रुपमती की कहानियां लोकगीतों में हमेशा गूंजती रहती है. रूपमती एक बहुत ही सुंदर और प्रतिभाशाली रानी थी जो मालका के अंतिम हिन्दू शासक बाज बहादुर रानी बनी. इन दोनों की प्रेम कहानी विश्व विख्यात बनी. लेकिन मुगल सम्राट अकबर ने मालवा पर आक्रमण किया. बाज बहादुर और रूपमती ने मिलकर संघर्ष किया लेकिन अकबर की सेना ने बाज बहादुर को हरा दिया. रूपमती ने खुद को जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली ताकि अकबर के हाथ न लगे.

प्राकृतिक झरने और घाटियां- धार जिले में कई सुंदर झरने जैसे सालोना जलप्रपात और कुम्भराज जलप्रपात हैं. ये स्थान प्राकृतिक दृश्यावलियों का अद्भुत अनुभव देते हैं. सालोना जलप्रपात शांति और ठंडक का अहसास कराता है. वहीं कुम्भराज जलप्रपात अपनी ठंडी और स्वच्छ जलधारा के लिए प्रसिद्ध है. साथ ही नर्मदा नदी की घाटियां, हरी-भरी वादियां और ताजगी भरी हवा यात्रियों का मन मोह लेती है.

धार्मिक स्थल और मंदिर-धार जिले में कई प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. धार किला के पास स्थित कालिका मंदिर, धारेश्वर मंदिर और बड़ा गणपति मंदिर प्रसिद्ध हैं. भोजशाला मस्जिद और लाट मस्जिद इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं. भोपावर जैन तीर्थ और मोहनखेड़ा जैसे तीर्थ स्थल भी पूजा-भक्तियों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

बाघ की गुफा- धार जिले में स्थित बाघ की गुफाएं मध्य प्रदेश की विंध्य पर्वतमाला की दक्षिणी ढलानों पर, बाघ नामक कस्बे के पास हैं. ये गुफाएं बौद्ध धर्म से जुड़ी प्राचीन संरचनाएं हैं, जिन्हें छठी शताब्दी के आसपास गुप्त काल में बनाया गया था. कुल नौ गुफाओं का यह समूह अपनी उत्कृष्ट शिल्पकारी और भित्ति चित्रों (म्यूरल पेंटिंग्स) के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें अजंता गुफाओं की तरह उच्च कला का नमूना माना जाता है. बाघ गुफाओं में बड़े-बड़े मंडप, स्तूप, और भिक्षुओं के रहने के लिए बने मठ जैसे कोठरियां मिलती हैं. इनमें द्वितीय गुफा विशेष रूप से पांडव गुफा के नाम से जानी जाती है और यह सबसे विस्तृत और संरक्षित गुफा है. गुफाओं के चित्र न केवल धर्म और संस्कृति दर्शाते हैं, बल्कि उस समय की समाज व्यवस्था और जीवनशैली की झलक भी प्रस्तुत करते हैं.

डाइनोसोर फॉसिल नेशनल पार्क-धार जिले में ही डाइनासोर फॉसिल नेशनल पार्क है. यहां प्राचीन काल के अनेक जीव-जंतुओं और पौधों के जीवाश्म सुरक्षित हैं. ये जीवाश्म करोड़ों वर्षों पुराने हैं और पृथ्वी के प्राचीन युग की भूगर्भीय जानकारी देते हैं. यह पार्क लगभग 89 हेक्टेयर में फैला हुआ है और नर्मदा घाटी के इस क्षेत्र को जीवाश्मों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है. यहां मिलते हैं 6.5 करोड़ वर्ष पुराने शाकाहारी डायनासोर के कठोर अंडों के जीवाश्म मिले हैं जो इतिहास में सबसे बड़े अंडों में गिने जाते हैं. नर्मदा घाटी में 7.4 से 10 करोड़ वर्ष पुराने शार्क मछलियों के जीवाश्म भी मौजूद हैं. इसके अलावा 7 करोड़ वर्ष पुराने विशाल पेड़ और 8.6 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीव के जीवाश्म भी यहां संरक्षित हैं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-dhar-become-pm-modi-birthday-celebration-place-what-are-the-attractions-of-dhar-district-tourism-place-rani-rupmati-story-ws-en-9630528.html

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