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अगर आप सुल्तानपुर घूमने आ रहे हैं और चाहते हैं कि बिना पैसे खर्च किए शहर का आनंद लिया जाए, तो हम आपको सुल्तानपुर की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में बताने वाले हैं. ये ऐसे स्थल हैं जहां आप निःशुल्क, बिना किसी टिकट के घूम सकते हैं और सुल्तानपुर के प्रसिद्ध स्थलों का अनुभव कर सकते हैं.

सुल्तानपुर शहर में एक ऐसा पर्यावरण पार्क मौजूद है, जो शहर वासियों के लिए सुबह-शाम मनोरंजन और व्यायाम के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है. साथ ही, यह सुल्तानपुर वासियों के लिए पर्यटन का भी बेहतर स्थल है. गोमती नदी के किनारे स्थित यह पार्क अपनी सुंदरता और बेहतर संरचना के चलते लोगों का सबसे पसंदीदा स्थल है और पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

कटावा ग्राम सभा की प्रधान रिंकू सिंह ने Bharat.one से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने अपने गांव में एक बेहतरीन पार्क बनवाया है, जहां लोग आकर प्राकृतिक माहौल का आनंद ले सकते हैं और बच्चे यहां खेल भी सकते हैं.

अगर आप सुल्तानपुर आए हैं और घूमने की योजना बना रहे हैं तो अमहट पार्क आपकी इस इच्छा को पूरी करने के लिए बिल्कुल तैयार है. यह पार्क उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा स्थापित किया गया है, जो अपनी खूबसूरती को बखूबी बयां कर रहा है और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां लोग आकर अपने मस्तिष्क को तरोताजा करते हैं और यहां के दृश्य देखकर सब मन मोहित हो जाते हैं. इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए झूले, लोगों के बैठने के लिए सीटें और व्यायाम करने के लिए उपयुक्त जगह उपलब्ध है.

अयोध्या से सटा जिला सुल्तानपुर में स्थित बिजेथुआ महावीरन धाम अपने आप में हनुमानजी का अनोखा धाम है. तहसील कादीपुर के सुरापुर में बने इस मंदिर की विशेषता यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ति है, जिसका एक पैर जमीन में धंसा हुआ है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस धाम में बने तालाब में हनुमानजी ने कालनेमि के वध से पहले स्नान किया था. यह स्थल पर्यटकों के लिए भी आकर्षक माना जाता है और यहां बिना किसी टिकट के धार्मिक पर्यटन का आनंद लिया जा सकता है.

सुल्तानपुर जनपद के लम्भुआ विकास खंड में धोपाप के नाम से प्रसिद्ध एक धार्मिक स्थल है. यहां प्रतिवर्ष रामनवमी और ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को लोग स्नान करते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां स्नान करने से इहलोक से मुक्ति मिलती है. यह स्थल सुलतानपुर-जौनपुर रोड (एनएच-56) पर, सुलतानपुर शहर से लगभग 32 किमी दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है.

सुल्तानपुर शहर में गोमती नदी के किनारे स्थित सीताकुंड घाट एक ऐसा स्थल है जो सुल्तानपुर की ऐतिहासिक धरोहर को संजोए हुए है. सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह आस्था और भक्ति का केंद्र है. यही वह स्थल है जहां प्रभु श्रीराम ने वन जाने के दौरान सीता और लक्ष्मण के साथ रात्रि में विश्राम किया था. यहां आप बिना किसी टिकट के निशुल्क घूम सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर शहर में गोमती नदी के किनारे एक पारिजात का वृक्ष मौजूद है, जो अत्यंत प्राचीन है और सुल्तानपुर के पर्यटक स्थलों की सूची में प्रथम दस स्थानों में शामिल किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस पारिजात वृक्ष के पास अपनी मन्नत मांगता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

गौरी शंकर मंदिर सुल्तानपुर के कादीपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. यहां आपको प्राकृतिक माहौल का आनंद मिलेगा, क्योंकि इस मंदिर के आसपास कई हजार पेड़ हैं और यहीं पर एक गुफा भी मौजूद है.
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