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मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध हिल स्टेशन जाम गेट इन दिनों पर्यटकों का पसंदीदा जगह बन गया है. बारिश की शुरुआत होते ही यहां की घाटियां और पहाड़ियां हरियाली से लहलहा उठी हैं. यहां का नजारा देखने के लिए रोजाना हजारों सैलानी पहुंच रहे हैं और इस जगह को लोग मिनी कश्मीर कहने लगे हैं.

बरसात के दिनों में जाम गेट के आस-पास दर्जनों छोटे-बड़े झरने बहने लगते हैं. इन झरनों की बूंदें जब नीचे घाटियों में गिरती हैं तो पानी की गर्जना दूर तक सुनाई देती है. वहीं झरनों से उठती ठंडी फुहारें पर्यटकों को तरोताजा कर देती हैं. यहां का शांत वातावरण और चारों ओर फैली हरियाली लोगों को प्रकृति के बेहद करीब ले आती है.

जाम गेट लगभग 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पहाड़ की चोटी पर बना ऐतिहासिक दरवाजा इस जगह की पहचान है. इसे स्थानीय लोग जाम दरवाजा भी कहते हैं. दरवाजे पर खड़े होकर जब कोई नीचे घाटियों की ओर नजर डालता है तो उसे बादलों की सफेद चादर और हरियाली से भरी घाटियां किसी पेंटिंग की तरह दिखाई देती हैं.

यह इलाका खरगोन और इंदौर जिले की सीमा पर आता है. इंदौर से यहां की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है, जबकि खरगोन से यह करीब 70 किलोमीटर पर पड़ता है. इसलिए छुट्टियों और सप्ताहांत पर इंदौर, खरगोन, धार और बड़वानी से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं.

बरसात के मौसम में यहां का दृश्य इतना आकर्षक हो जाता है कि लोग इसे “मध्य प्रदेश का मिनी कश्मीर” कहकर पुकारते हैं. आसमान को छूते बादल, पहाड़ियों पर फैली धुंध, पेड़ों से टपकती बूंदें और घाटियों में बहते झरने इस जगह को बेहद रोमांचक बना देते हैं. यहां आने वाले लोग घंटों तक बैठकर प्रकृति की इस खूबसूरती का आनंद उठाते हैं.

जाम गेट सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, बल्कि खाने-पीने के लिए भी मशहूर है. पहाड़ी रास्तों पर लगी छोटी-छोटी दुकानों पर भुट्टा, कचोरी, समोसा और गर्मागर्म चाय का स्वाद यहां की यात्रा को और यादगार बना देता है. बारिश के मौसम में पर्यटक सड़क किनारे रुककर इन जायकों का मजा लेना नहीं भूलते.

युवाओं और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है. दरवाजे के पास से घाटियों का जो पैनोरमिक व्यू मिलता है, वह कैमरे में कैद करने लायक होता है. सुबह और शाम के वक्त यहां का नजारा बेहद आकर्षक होता है. सूरज की सुनहरी किरणें जब बादलों और पहाड़ियों पर पड़ती हैं तो पूरा वातावरण जादुई लगने लगता है.

परिवारों के लिए यह पिकनिक का बेहतरीन स्पॉट माना जाता है. बच्चे यहां झरनों में नहाते हैं, जबकि कपल्स घाटियों के नजारों को निहारते हुए सुकून का अनुभव करते हैं. मानसून के दिनों में यहां की हरियाली अपने चरम पर होती है, जो साल के बाकी महीनों में देखने को नहीं मिलती.

बरसात में जाम गेट का सफर करना अपने आप में एक यादगार अनुभव है. सुबह-सुबह यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को बादलों के बीच से गुजरने का मौका मिलता है. वहीं शाम को सूरज ढलने के समय घाटियों का नजारा दिल को छू जाता है.
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