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Winter Season Best Tourist Place: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही लोग ऐसी जगह ढूंढने लगते हैं, जहां ठंड के साथ प्रकृति की खूबसूरती भी देखने को मिले. मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला इस मौसम में किसी जन्नत से कम नहीं लगता. यह आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है. देखें तस्वीरें…

सर्द हवाओं के बीच अगर आप भी किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं, जहां प्रकृति की गोद में सुकून मिले, तो मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा जिला आपके लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं. पहाड़ों पर हरियाली, झरनों की कल-कल आवाज और आदिवासी संस्कृति का संगम इसे खास बनाता है. यहां की वादियां सर्दियों में किसी हिल स्टेशन को भी पीछे छोड़ देती हैं.

छिंदवाड़ा की सबसे प्रसिद्ध जगह पातालकोट घाटी है, जो करीब 1200 फीट गहरी है. ऊपर से देखने पर इसका आकार किसी घोड़े की नाल जैसा दिखाई देता है. ठंड के मौसम में यहां की पहाड़ियों पर हल्की धुंध और सूरज की सुनहरी किरणें घाटी को स्वर्ग जैसा बना देती हैं. यहां की शांति और प्राकृतिक सुंदरता सैलानियों को बार-बार खींच लाती है.

छिंदवाड़ा जिले का अनहोनी गांव अपने रहस्यमय गर्म पानी के कुंड के लिए प्रसिद्ध है. यहां सालभर पानी खौलता रहता है, चाहे मौसम कितना भी ठंडा क्यों न हो. लोगों का मानना है कि यह स्थान देवी की शक्ति से जुड़ा है और यहां का पानी चर्म रोगों को ठीक कर देता है. सर्दी के मौसम में कुंड से उठती भाप इसे और भी रहस्यमय और आकर्षक बना देती है.

छिंदवाड़ा शहर से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित देवगढ़ का किला सर्दियों में घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है. यह किला घने जंगलों और ऊंची पहाड़ियों के बीच स्थित है. यहां से सूर्योदय का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. किले की दीवारों में गौंड साम्राज्य और मुगलकालीन वास्तुकला की झलक दिखाई देती है, जो इतिहास प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देती है.

सर्दियों में छिंदवाड़ा का कुकड़ी खापा वाटरफॉल अपनी पूरी खूबसूरती में निखर आता है. लगभग 60 फीट ऊंचाई से सिलेवानी पर्वत से गिरता यह झरना देखने वालों को मोह लेता है. ठंडी हवाओं के बीच झरने की बौछारें चेहरे को छू जाएं तो सर्दी का आनंद दोगुना हो जाता है. यहां सुबह के वक्त सूरज की किरणें झरने के पानी पर गिरकर मनमोहक दृश्य बनाती हैं.

छिंदवाड़ा का छोटा महादेव गुफा धार्मिक और प्राकृतिक दोनों रूपों में खास महत्व रखता है. पहाड़ियों के बीच स्थित यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है. सर्दियों में यहां की नमी और शांत वातावरण में घंटियों की आवाज गूंजती है, जो भक्ति और शांति दोनों का अनुभव कराती है.

छिंदवाड़ा से करीब दो घंटे की दूरी पर स्थित पेंच टाइगर रिजर्व सर्दियों में रोमांच का केंद्र बन जाता है. सतपुड़ा की पहाड़ियों और पेंच नदी के किनारे फैले इस जंगल में बाघ, हिरण और कई दुर्लभ पक्षियों का बसेरा है. सुबह के समय कोहरे से ढका जंगल और पेड़ों के बीच से छनकर आती धूप का दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगता.
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