World Tourism Day 2025: दुनियाभर में आज यानी 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन देश की खूबसूरती को करीब से देखने और समझने का मौका देता है. बता दें कि, ट्रैवल सिर्फ घूमना नहीं, बल्कि नई जगहों की संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक नजारों को महसूस करना भी है. कई लोग रोजमर्रा की भागदौड़ से निकलकर मन की शांति के लिए सुकून भरी जगहों पर जाना चाहते हैं. इसके लिए कई लोग विदेशों की यात्रा करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि, भारत में ही कई ऐसी जगहें हैं, जो आपके मन को सुकून दे सकती हैं. बता दें कि, हमारा देश अपनी अद्भुत सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है. यहां प्राचीन मंदिरों से लेकर भव्य महलों, शांत पहाड़ी कस्बों और रंग-बिरंगे त्योहारों तक सब कुछ मौजूद है. इसलिए देश में कई प्रसिद्ध स्थलों को संभावित यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है.
भारत के 6 सबसे फोटोजेनिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
ताजमहल (आगरा): ताजमहल निस्संदेह दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित फोटोग्राफी स्थल है. इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था. यह खूबसूरत संगमरमर की इमारत सूर्योदय और सूर्यास्त के समय किसी स्वप्न की तरह चमकती है. चाहे बगीचों में इसकी झलक हो या संगमरमर की बारीक तस्वीरें, ताजमहल की हर तस्वीर कालातीत लगती है. भीड़ से बचने और उस जादुई कोमल रोशनी का आनंद लेने के लिए सुबह जल्दी घूमने की योजना बनाएं.

हम्पी (कर्नाटक): हम्पी एक काल्पनिक दुनिया जैसा लगता है, जो हकीकत में उतर आई है. खंडहरों से भरा यह प्राचीन शहर विशाल शिलाखंडों, हरे-भरे केले के बागानों और नदियों से घिरा हुआ है. विट्ठल मंदिर का पत्थर का रथ एक पसंदीदा विषय है, लेकिन असली जादू इसकी छिपी हुई गलियों, हॉल और पहाड़ी के शीर्ष के दृश्यों को देखने में है. सूर्योदय या सूर्यास्त के समय, गर्म रोशनी हर चीज़ को सोने और तांबे जैसा बना देती है, जिससे तस्वीरें ऐसी बनती हैं जो पेंटिंग जैसी लगती हैं.
खजुराहो स्मारक समूह (मध्य प्रदेश): देवताओं, नर्तकियों और दैनिक जीवन का विवरण देने वाली अपनी जटिल बलुआ पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध, खजुराहो कहानी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत दृश्य अनुभव है. मंदिरों की सजावट सुनहरे घंटे के दौरान हल्की चमकती है, जिससे मूर्तिकला की हर बारीकियों को क़रीब से कैद किया जा सकता है. शाम के समय सजावटी स्तंभों और छायाचित्र फ़्रेमों के बीच, आपको एक स्वप्निल वातावरण मिलेगा जो सुंदर भी है और मानवीय भी.
जयपुर शहर (राजस्थान): गुलाबी नगरी के नाम से भी मशहूर जयपुर, इतिहास और आधुनिकता का संगम है. हवा महल का छत्ते जैसा अग्रभाग, आमेर किले की किलेनुमा दीवारें और सिटी पैलेस के हल्के रंग के प्रांगण इसे रंगों और पैटर्न का एक अनूठा संगम बनाते हैं. मसालेदार बाज़ार और गुलाबी दीवारों के इर्द-गिर्द उड़ती पतंगें आपके दृश्यों में स्थानीय जीवन का तड़का लगाने के लिए एकदम सही हैं.
सूर्य मंदिर (कोणार्क): सूर्य-रथ के आकार का, कोणार्क सूर्य मंदिर पत्थरों की बारीक़ियों का एक उत्कृष्ट नमूना है. इसके संकेंद्रित पहिये, पौराणिक जीव और नर्तक सूर्योदय या सूर्यास्त के समय जीवंत हो उठते हैं. चौड़े कोण वाले फ्रेम समुद्र तट के किनारे मंदिर के विशाल क्षेत्र को दर्शाते हैं. और, अगर आप इसे गौर से देखेंगे, तो यह इसकी भव्य और अंतरंग शिल्पकला को उजागर करेगा.
रानी की वाव (गुजरात): यह बावड़ी भूमिगत वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. रानी की वाव में खूबसूरत गैलरी, नक्काशीदार स्तंभ और फर्श हैं जो एक खूबसूरत नज़ारा पेश करते हैं. अगर आप इस वास्तुकला के अद्भुत नज़ारे को देखें, तो आपको समरूपता, नक्काशीदार बारीकियां और एक ऐसा नज़रिया मिलेगा जिसकी हर फ़ोटोग्राफ़र को उम्मीद होती है. कई लोकप्रिय स्थलों की तुलना में यह शांत और शांत है, और जब आप अनोखे शॉट्स लेना चाहते हैं तो यह एकदम सही जगह है.
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