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Bhagalpur News: भागलपुर की वीणा रानी ने मंजूषा और सुजनी कला को मिलाकर नया सुजनी आर्ट तैयार किया है, जो मायके और ससुराल को साथ लेकर चलने का संदेश देती है. सुजनी कला धीरे-धीरे खत्म हो रही है.
कैसे आया ये आइडिया
जब इसको लेकर Bharat.one की टीम ने वीणा रानी से बात की तो उन्होंने बताया कि देखिए सुजनी आर्ट और मंजूषा आर्ट दोनों ही काफी प्राचीन कला में से एक है. सुजनी हमारी दादी नानी सब किया करती थी. आप देखे होंगे अगर घर में पुराने चादर और बिछावन होगा तो उसमें जो धागे से डिजाइन तैयार की गई होगी वो सुजनी आर्ट है. तो ये हम बचपन से ही जानते थे.
पुराने कला को संयोजने का चल रहा है काम
उन्होंने बताया कि सुजनी कला धीरे धीरे खत्म हो रही है. इसको संयोजने का भी काम किया जा रहा है. वहीं अब इसका नाम भी रखा जाएगा.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें
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