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Frontier Mail News- आज भले ही 15 मिनट देरी से चलने वाली ट्रेनों को लेट नहीं माना जाता है, लेकिन कभी एक वीआईपी ट्रेन के 15 मिनट ही लेट होने पर जांच बैठा दी गयी थी. आइए जानते हैं ये ट्रेन कौन सी है?
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नई दिल्ली. ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की कई बार शिकायत रहती है कि सफर करने के दौरान कई बार ट्रेन लेट हो जाती है. भारतीय रेलवे भी ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए लगातार प्रयासरत है, कुछ डिवीजनों में आक्यूपेंसी रेट 95 फीसदी से ऊपर गया है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय रेलवे की एक ऐसी है जो कभी भी लेट नहीं होती थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग ट्रेन के देखकर घड़ी मिलाते थे. यह जानकर आप और चौकेंगे केवल 15 मिनट लेट होने पर जांच बैठा दी गयी थी. यह आज भी चल रही है.
फ्रंटियर मेल अपने समय में सबसे वीआईपी ट्रेनों में एक थी, जो बॉम्बे (मुंबई) से पेशावर (अब पाकिस्तान) तक चलती थी. इसका मार्ग मुंबई, वडोदरा, दिल्ली, लाहौर और रावलपिंडी से होते था. पहले इस ट्रेन को मुंबई से दिल्ली के बीच शुरू किया गया था. बाद में उत्तर पश्चिम रेलवे के सहयोग से इसे पेशावर तक चलाया गया. ट्रेन मुंबई से दिल्ली के बीच 1393 किमी और बाद में पेशावर तक 2335 किमी. की दूरी तय करती थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1930 में लंदन के ‘द टाइम्स’ ने इसे ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर चलने वाली एक्सप्रेस गाड़ियों में से सबसे प्रसिद्ध रेलगाड़ी बताया था.
इस ट्रेन के संबंध में बताया जाता है कि लोग कहते थे कि घड़ी लेट हो सकती है लेकिन ट्रेन नहीं. यही वजह है कि लोग ट्रेन को देखकर घड़ी मिलाते थे. बताया जाता है कि यह ट्रेन एक बार 15 मिनट लेट हो गयी तो इसके जांच के आदेश दिए गए थे. इतना ही नहीं रेलवे अभिलेखागार के मुताबिक जब फ्रंटियर मेल मुंबई पहुंचती थी तो इसके सुरक्षित आगमन की जानकारी देने के लिए ऊंची इमारतों से विशेष लाइटिंग की जाती थी.
यह ट्रेन आज भी चलती है. आजादी के बाद इसका रूट मुंबई से अमृतसर तक कर दिया गया है और 1996 में इसका नाम बदलकर गोल्डेन टेंपल कर दिया गया, जो भी चलती है.
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https://hindi.news18.com/news/nation/indian-railways-frontier-mail-never-late-investigation-started-on-15-minutes-delay-know-here-9528726.html