Home Travel Frontier Mail News- आज भले ही 15 मिनट देरी से चलने वाली...

Frontier Mail News- आज भले ही 15 मिनट देरी से चलने वाली ट्रेनों को लेट नहीं माना जाता है, लेकिन कभी एक वीआईपी ट्रेन के 15 मिनट ही लेट होने पर जांच बैठा दी गयी थी. आइए जानते हैं ये ट्रेन कौन सी है?

0


Last Updated:

Frontier Mail News- आज भले ही 15 मिनट देरी से चलने वाली ट्रेनों को लेट नहीं माना जाता है, लेकिन कभी एक वीआईपी ट्रेन के 15 मिनट ही लेट होने पर जांच बैठा दी गयी थी. आइए जानते हैं ये ट्रेन कौन सी है?




Fron…और पढ़ें

विदेश छोड़िए, भारत में भी ऐसी ट्रेन, जो कभी नहीं होती थी लेट,देरी में जांचलोग ट्रेन को देखकर घड़ी मिलाते थे.

नई दिल्‍ली. ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की कई बार शिकायत रहती है कि सफर करने के दौरान कई बार ट्रेन लेट हो जाती है. भारतीय रेलवे भी ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए लगातार प्रयासरत है, कुछ डिवीजनों में आक्‍यूपेंसी रेट 95 फीसदी से ऊपर गया है. लेकिन आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि भारतीय रेलवे की एक ऐसी है जो कभी भी लेट नहीं होती थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग ट्रेन के देखकर घड़ी मिलाते थे. यह जानकर आप और चौकेंगे केवल 15 मिनट लेट होने पर जांच बैठा दी गयी थी. यह आज भी चल रही है.

मौजूदा समय देशभर में 12000 से अधिक ट्रेनें चलती हैं, इनमें प्रीमियम ट्रेनें वंदेभारत, राजधानी, शताब्‍दी के अलावा मेल एक्‍सप्रेस, पैसेंजर व लोकल भी शामिल हैं. भारतीय रेलवे के आंकड़ों के अनुसार साल 2023-24 में वंदेभारत श्रेणी की ट्रेनों की आक्‍यूपेंसी रेट 95 फीसदी रही है. रेलवे अन्‍य ट्रेनों को भी समय पर चलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. रेलवे के नियमों के अनुसार 15 मिनट तक ट्रेन लेट होने पर लेट नहीं माना जाता है. वहीं अगर आप को रेलवे ट्रेन लेट होने पर रिफंड लेना है तो ट्रेन 3 घंटे या अधिक समय लेट होनी चाहिए. इससे कम होने पर रिफंड नहीं मिलता है. लेकिन पहले 15 मिनट लेट होने पर रेलवे ने जांच बैठा दी थी.
ये ट्रेन थी फ्रंटियर मेल

फ्रंटियर मेल अपने समय में सबसे वीआईपी ट्रेनों में एक थी, जो बॉम्बे (मुंबई) से पेशावर (अब पाकिस्तान) तक चलती थी. इसका मार्ग मुंबई, वडोदरा, दिल्ली, लाहौर और रावलपिंडी से होते था. पहले इस ट्रेन को मुंबई से दिल्‍ली के बीच शुरू किया गया था. बाद में उत्‍तर पश्चिम रेलवे के सहयोग से इसे पेशावर तक चलाया गया. ट्रेन मुंबई से दिल्‍ली के बीच 1393 किमी और बाद में पेशावर तक 2335 किमी. की दूरी तय करती थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1930 में लंदन के ‘द टाइम्स’ ने इसे ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर चलने वाली एक्सप्रेस गाड़ियों में से सबसे प्रसिद्ध रेलगाड़ी बताया था.

समय की पाबंद

इस ट्रेन के संबंध में बताया जाता है कि लोग कहते थे कि घड़ी लेट हो सकती है लेकिन ट्रेन नहीं. यही वजह है कि लोग ट्रेन को देखकर घड़ी मिलाते थे. बताया जाता है कि यह ट्रेन एक बार 15 मिनट लेट हो गयी तो इसके जांच के आदेश दिए गए थे. इतना ही नहीं रेलवे अभिलेखागार के मुताबिक जब फ्रंटियर मेल मुंबई पहुंचती थी तो इसके सुरक्षित आगमन की जानकारी देने के लिए ऊंची इमारतों से विशेष लाइटिंग की जाती थी.

आज भी चलती है यह ट्रेन

यह ट्रेन आज भी चलती है. आजादी के बाद इसका रूट मुंबई से अमृतसर तक कर दिया गया है और 1996 में इसका नाम बदलकर गोल्‍डेन टेंपल कर दिया गया, जो भी चलती है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homenation

विदेश छोड़िए, भारत में भी ऐसी ट्रेन, जो कभी नहीं होती थी लेट,देरी में जांच


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/nation/indian-railways-frontier-mail-never-late-investigation-started-on-15-minutes-delay-know-here-9528726.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version