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Radha Krishna Stotra। राधा कृष्ण स्तोत्र का पाठ

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Radha Krishna Stotra: सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का पूजन विशेष महत्व रखता है.मान्यता है कि बुधवार के दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से जीवन में प्रेम, सुख और समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है,अगर साधक पूरे श्रद्धा-भाव और भक्ति से पूजा करें और इस विशेष Radha Krishna Stotra का पाठ करें, तो न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.इस स्तोत्र के पाठ से हर तरह का दुख, संताप और नकारात्मकता खत्म होती है, साथ ही मन में आनंद और आत्मविश्वास का भाव जागता है.आज हम आपको इस स्तोत्र का महत्व, लाभ और सही पाठ विधि बताएंगे, ताकि आप भी श्रीजी की कृपा के भागी बन सकें. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी.

Radha Krishna Stotra का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, Radha Krishna Stotra का पाठ करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं.यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप, उनके गुण और राधा रानी के साथ उनके अनंत प्रेम का वर्णन करता है.इस स्तुति में भगवान के अद्भुत रूप, उनकी लीलाओं और राधा जी के प्रति उनके अटूट प्रेम को भक्ति-भाव से गाया गया है.

जब भक्त श्रद्धा से इसका पाठ करता है, तो वह न केवल आध्यात्मिक सुख प्राप्त करता है बल्कि सांसारिक परेशानियों से भी मुक्ति पाता है.इसे सुबह पूजा के समय, खासकर बुधवार या जन्माष्टमी जैसे शुभ अवसरों पर करना बेहद लाभकारी माना जाता है.

पाठ करने की विधि
1. स्थान की शुद्धि – सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल से शुद्धि करें.
2. दीपक और धूप – राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं.
3. भोग अर्पण – ताजे फूल, तुलसी दल और माखन-मिश्री का भोग लगाएं.
4. आसन पर बैठना – पूजा के समय कुश या सूती आसन का प्रयोग करें.
5. स्तोत्र पाठ – ध्यानपूर्वक Radha Krishna Stotra का पाठ करें, मन को भटकने न दें.
6. अंत में प्रार्थना – पाठ के बाद भगवान से अपने दुख, बाधाएं और मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें.

राधा कवच का महत्व
Radha Krishna Stotra के साथ राधा कवच का पाठ भी बेहद फलदायी माना गया है.मान्यता है कि राधा कवच का जाप करने से साधक को अदृश्य रक्षा कवच की तरह सुरक्षा मिलती है.यह कवच हर दिशा में, हर परिस्थिति में भक्त को सुरक्षित रखता है, चाहे वह युद्ध जैसी चुनौती हो या जीवन में कोई कठिन समय.

इसका पाठ करने वाला व्यक्ति न केवल सांसारिक सुख प्राप्त करता है बल्कि मोक्ष की ओर भी अग्रसर होता है.कवच में राधा रानी के विभिन्न स्वरूपों और उनके दिव्य गुणों का वर्णन है, जो साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है.

कब और कैसे करें पाठ
1. बुधवार, जन्माष्टमी, राधाष्टमी, या कोई भी शुभ मुहूर्त सबसे उत्तम है.
2. सूर्योदय के बाद स्नान करके साफ और हल्के रंग के वस्त्र पहनें.
3. घर के मंदिर या शांत स्थान पर बैठकर श्रद्धा भाव से पाठ करें.
4. अगर संभव हो तो पाठ के बाद भगवान को माखन-मिश्री और तुलसी दल का भोग लगाएं.

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