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Ganesh Chaturthi 2025 में 27 अगस्त से 6 सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा. महाराष्ट्र से शुरू हुई विसर्जन परंपरा लोकमान्य तिलक ने 1893 में सार्वजनिक रूप से शुरू की थी.

गणेश उत्सव के बाद क्यों किया जाता विसर्जन?

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, गणेश पूजा के 10 दिन बाद विसर्जन करना जरूरी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा न करने से यह दोष का कारण बन सकता है. यदि आप मूर्ति को केवल सजावट या पूजन के उद्देश्य से घर में रखते हैं और विधिवत स्थापना या विसर्जन नहीं करते, तो यह धार्मिक दृष्टिकोण से कोई दोष नहीं माना जाता.
उत्सव के बाद गणेश प्रतिमा का विसर्जन बेहद जरूरी है. बता दें कि, गणेश मूर्ति की स्थापना एक निश्चित समय के लिए की जाती है और उसे उचित विधि से विसर्जित करना आवश्यक होता है. हालांकि, छोटी गणेश मूर्तियों को विसर्जित करने की आवश्यकता नहीं है. इस प्रतिमा को आप घर में रखकर पूजा कर सकते हैं.
कहा जाता है कि लोकमान्य तिलक ने 1893 में गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की थी. ऐसा करने के पीछे का मकसद था कि समाज को एकजुट किया जाए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों में जागरूकता फैलाई जा सके. तब से यह परंपरा हर साल गणेशोत्सव के बाद मूर्ति विसर्जन के रूप में पूरी होती है.
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