चंद्र ग्रहण का समय और सूतक
7 सितंबर की रात को भद्रपद की पूर्णिमा पर यह चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक रहेगा. भारत में यह ग्रहण पूरी तरह दिखाई देगा.
2. इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.
3. लोग मंत्र जाप, भजन, ध्यान और दान जैसे कामों पर ध्यान देते हैं.
चंद्र ग्रहण और पितृ पक्ष का योग
इस बार खास बात यह है कि उसी दिन पितृ पक्ष की शुरुआत भी हो रही है. कई लोगों के मन में सवाल है कि श्राद्ध कैसे करें? ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि श्राद्ध कार्य आप सुबह 12:57 बजे से पहले कर सकते हैं, क्योंकि ग्रहण शुरू होने से पहले किया गया श्राद्ध मान्य होता है.
यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से तीन राशियों पर भारी असर डालने वाला है:
1. कुंभ राशि – क्योंकि यहीं पर चंद्र ग्रहण लग रहा है.
2. कर्क राशि – चंद्रमा की अपनी राशि होने की वजह से.
3. सिंह राशि – इस राशि पर केतु का प्रभाव है और राहु की दृष्टि भी पड़ रही है.
इसके अलावा मिथुन और कन्या राशि के जातकों को भी सावधान रहने की जरूरत है.
गर्भवती महिलाओं को इस समय खास ध्यान रखना चाहिए.
1. ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें.
2. सीधा लेटकर आराम करें और ज्यादा हिलना-डुलना न करें.
3. ग्रहण खत्म होने तक न कुछ खाएं, न पानी पिएं.
उपाय और टोटके
1. ग्रहण के समय – घर में तुलसी पत्ते रख लें और भोजन में भी तुलसी डाल दें.
2. ग्रहण के बाद – घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें और मूर्तियों पर गंगाजल छिड़कें.
3. दान-पुण्य करें – कपड़े, अनाज, नारियल और राहु से जुड़ी चीजें दान करें.
4. खास उपाय – सूखे नारियल को अपने ऊपर से सात बार उतारकर जल प्रवाह करें या पीपल/बरगद के पेड़ के नीचे रख दें.