आश्विन माह की अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक यहां मान्य नहीं होगा. फिर भी, इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के बाद स्नान के बाद राशि अनुसार दान जरूर करना चाहिए. इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है. पितर भी प्रसन्न होते हैं.
साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है. यह आंशिक ग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार 21 सितंबर को रात में 10:59 बजे ग्रहण शुरू होकर देर रात 03:23 बजे के लगभग तक चलेगा. हालांकि, ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इस कारण सूतक काल के नियम भी भारत में लागू नहीं होंगे.
सूर्य ग्रहण राशि अनुसार दान
मेष – इस राशि के जातक को सूर्य ग्रहण के दिन लाल रंग के वस्त्र दान करना बेहद शुभ रहेगा. ऐसा करने से रुके हुए कार्य जल्द ही शुरू हो जाएंगे.
मिथुन – भगवान सुर्य की विशेष कृपा पाने के लिए इस राशि के जातक को ग्रहण के अशुभ परिणाम से बचने के लिए साबुत मूंग का दान करना शुभ रहेगा.
सिंह – सूर्य ग्रहण के दिन इस राशि के जातक को गुड़, मूंगफली और मसूर दाल गरीबों में दान करना चाहिए. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.
तुला – सूर्य ग्रहण के दिन इस राशि के जातक को गरीबों में खीर बनाकर वितरित करना शुभ रहेगा.
धनु – इस राशि के जातक को चाहिए कि इस दिन पारिवारिक विवाद से छुटकारा पाने के लिए गरीबों में केसर युक्त दूध राहगीरों में वितरित करें.
कुंभ – इस राशि के जातको को ग्रहण के दिन रोगी से छुटकारा पाने के लिए गरीबों में कपड़े और चप्पल दान करें.
मीन – सूर्य ग्रहण के दिन इस राशि के जातक को केले, बेसन के लड्डू और पेड़े का दान करना चाहिए.