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यह पौधा पेट की तकलीफों को करता है दूर और शरीर को बनाता है मजबूत, संजीवनी के समान असर, जानें फायदे – Uttarakhand News


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देहरादून. उत्तराखंड के पहाड़ों पर कई दुर्लभ जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं. जब वहां चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, तब लोग इन्हीं औषधीय पौधों के जरिए बीमारियों का इलाज करते थे. ऐसा ही एक महत्वपूर्ण मेडिसिनल प्लांट है त्रायमाण, जिसका आयुर्वेद में खास महत्व माना जाता है. आइए जानते है इसके फायदे…

Gentiana kurroo

त्रायमाण बवासीर, अपच, बदहजमी जैसी पेट की बीमारियों और मूत्र रोग से बचाता है. बुखार होने पर इसके पौधे की जड़ का काढ़ा बनाकर लेने से ज्वर उतर जाता है. यह ब्लड प्योरिफायर का काम करता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.

Gentiana kurroo

आयुर्वेदिक चिकित्सक शालिनी जुगरान ने जानकारी दी है कि त्रायमाण का वानस्पतिक नाम Gentiana kurroo है. यह उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है.

Gentiana kurroo

त्रायमाण हिमालय की पहाड़ियों में चट्टानों के बीच पाया जाता है, जिसका आयुर्वेद में विशेष महत्व है और इसे कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है. लेकिन, अत्यधिक दोहन के कारण यह पौधा अब संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में शामिल हो गया है और इसके संरक्षण के लिए प्रयास किए जाने जरूरी हैं.

Gentiana kurroo

सदियों से त्रायमाण का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जा रहा है. इसके फूल, पत्तियों और जड़ समेत सभी भागों का उपयोग अलग-अलग बीमारियों के लिए किया जाता है. खासतौर पर त्रायमाण की जड़ कई दवाओं को बनाने में उपयोग की जाती है.

Gentiana kurroo

बड़े बुजुर्ग त्रायमाण का उपयोग ज्वरनाशक के रूप में करते हैं. बुखार होने पर इसके पत्तों का काढ़ा ज्वर नाशक के रूप में लिया जाता है. वहीं, यह पाचन संबंधी दिक्कतों जैसे अपच, गैस, कब्ज और पेट दर्द में फायदेमंद होता है. यह भूख की कमी को भी दूर करता है.

Gentiana kurroo

त्रायमाण का उपयोग कुष्ठ, खुजली, एक्जिमा, सोरायसिस और अन्य स्किन प्रॉब्लम के उपचार में किया जाता है. इसके पत्तों या पूरे पौधे की राख को दूध या घी के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से ये समस्याएं दूर होती हैं.

Gentiana kurroo

हाथ, पैरों और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए त्रायमाण संजीवनी है, क्योंकि इसमें दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं. पहाड़ों में बुजुर्ग इसकी जड़ के काढ़े का इस्तेमाल शरीर और मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए करते हैं.

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पेट की तकलीफों का प्राकृतिक इलाज, उत्तराखंड की यह अद्भुत संजीवनी, जानें फायदे


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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-himalayi-trayaman-found-medicinal-properties-conservation-needed-pet-ke-liye-sanjeevani-paudha-jane-fayde-local18-ws-kl-9664863.html

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