देवघर: 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएंगे. सुबह ही अधिकतर देवी भक्त मां का आह्वान करने के लिए कलश की स्थापना करेंगे. माना जाता है कि कलश विधि विधान के साथ स्थापित किया जाए तो माता दुर्गा प्रसन्न होकर मनोवांछित फल देती हैं. घर में देवी दुर्गा की कृपा बरसती हैं. सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. लेकिन, कलश स्थापना के लिए किस धातु का प्रयोग करें, इसे लेकर हर बार बड़ी दुविधा होती है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. पूरे 9 दिन तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाएगी. वहीं, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान है, जो बेहद शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार भी कलश स्थापना माता दुर्गा की प्रिय धातु के कलश में करनी चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है.
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इस धातु का कलश करें स्थापित
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर भक्त सक्षम नहीं हैं तो मिट्टी का कलश भी स्थापित कर सकते हैं, लेकिन माता दुर्गा की सबसे प्रिय धातु पीतल है. अगर भक्त पीतल के धातु का कलश स्थापित करते हैं तो माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं. ज्यादातर बड़े-बड़े दुर्गा मंदिरों में पीतल के कलश की स्थापना होती है. पीतल को सबसे पवित्र और शुद्ध धातु माना जाता है. पीतल सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है और घर मे सुख समृद्धि की वृद्धि करता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कलश स्थापना सही दिशा चयनित कर कर ही करनी चाहिए. घर या पूजा घर के ईशान कोण में ही हमेशा स्थापित करना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 06:36 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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