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शनिदेव को तेल चढ़ाते समय कहीं आप यह गलती तो नहीं कर रहे, नहीं तो होंगी भयंकर परेशानी, जानें सही विधि

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Shani Dev Puja Vidhi: हिंदू धर्म में शनिदेव को प्रमुख देव का दर्जा दिया गया है और वह न्याय के देवता भी हैं. शनिदेव हमेशा कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ज्यादातर भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन…और पढ़ें

शनिदेव को तेल चढ़ाते समय कहीं आप यह गलती तो नहीं कर रहे, नहीं तो होगा नुकसान

शनिदेव को तेल चढ़ाते समय कहीं आप यह गलती तो नहीं कर रहे

हाइलाइट्स

  • शनिदेव को लोह के पात्र में ही सरसों का तेल अर्पित करें.
  • तेल अर्पित करते समय शनिदेव की आंखों में न देखें.
  • शनिदेव की पूजा में तन और मन की शुद्धता का ध्यान रखें.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को नवग्रहों में कर्मों के अनुसार फल देने वाला देवता के रूप में पूजा जाता है. शनिवार को सूर्यास्त के बाद मुख्य रूप से शनिदेव की पूजा अर्चना की जाती है. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, महादशा से पीड़ित लोग अगर शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करते हैं तो उनके ऊपर शनिदोष का प्रभाव कम हो जाता है. साथ ही आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति और संपन्नता बनी रहती है. लेकिन कई लोगों को शनिदेव पर सही नियमों के साथ तेल अर्पित करने की जानकारी ना होने के अभाव उसका सही फल नहीं मिल पाता. आइए जानते हैं शनिदेव को किस विधि के साथ सरसों का तेल अर्पित किया जाएगा और इसका महत्व क्या है…

1- शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने के लिए सही नियमों का जानना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर आप गलत तरीके से शनिदेव को तेल अर्पित करते हैं तो जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सबसे पहले ध्यान रखें कि शनिदेव को केवल लोह के पात्र में ही सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए.

2- सरसों का तेल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि आपकी दृष्टि केवल शनिदेव के चरणों पर ही रखें क्योंकि शनिदेव की पूजा करते समय या तेल अर्पित करते समय या फिर किसी भी स्थिति में शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए. शनिदेव की आंखों में देखने से बचना चाहिए.

3- शनिदेव को तेल अर्पित करते समय तन और मन दोनों पवित्र और शुद्ध होना चाहिए. क्योंकि शनिदेव की पूजा में शुद्धता का बेहद खास ध्यान रखा जाता है. तेल अर्पित करते समय ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जप करना बहुत शुभ माना जाता है.

शनिदेव को तेल अर्पित करने का महत्व
शनिवार को सूर्यास्त के बाद शनिदेव पर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के अशुभ प्रभाव में कमी भी आती है. जो व्यक्ति हर रोज शनिदेव की पूजा अर्चना करता है, उसको कभी किसी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता और कुंडली में शनिदेव की स्थिति भी मजबूत होती है.

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शनिदेव को तेल चढ़ाते समय कहीं आप यह गलती तो नहीं कर रहे, नहीं तो होगा नुकसान


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