आज सोमवार का दिन भी है इसलिए आज शिव और शक्ति पूजा अर्चना भी की जाएगी. मां दुर्गा की उपासना से साधक को साहस, भयमुक्ति और शत्रु विजय की प्राप्ति होती है. साथ ही भगवान शिव को आदियोगी और जगत के पालक माना गया है. नवरात्रि में शिव पूजन विशेष फलदायी होता है क्योंकि देवी स्वयं शिव की अर्धांगिनी हैं. शिवलिंग पर जल, दुग्ध, बेलपत्र अर्पण करने से मानसिक शांति, रोग-निवारण और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. नवरात्रि में माँ दुर्गा और भगवान शिव दोनों की पूजा करने से साधक को आध्यात्मिक बल (शिव) और भौतिक शक्ति व सुरक्षा (दुर्गा) दोनों प्राप्त होते हैं. यह साधना साधक के जीवन में संतुलन (शिव का तत्त्व) और शक्ति (देवी का तत्त्व) दोनों का समावेश करती है. पंचांग से जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन का शुभ मुहूर्त, योग, सूर्योदय, सूर्यास्त, राहुकाल, दिशाशूल, चंद्रोदय, चंद्रास्त, आदि.

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 22 सितंबर 2025
आज की तिथि- प्रतिपदा – 02:55 ए एम, उसके बाद द्वितीया तिथि
आज का नक्षत्र- उत्तराफाल्गुनी – 11:24 ए एम तक, फिर हस्त नक्षत्र
आज का करण- किंस्तुघ्न – 02:06 पी एम तक, बव – 02:55 ए एम
आज का योग- शुक्ल – 07:59 पी एम तक, फिर ब्रह्म योग
आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष
आज का दिन- सोमवार
चंद्र राशि- कन्या राशि
सूर्योदय- 06:10 ए एम
सूर्यास्त- 06:18 पी एम
चन्द्रोदय- 06:26 ए एम
चन्द्रास्त- 06:31 पी एम
आज के शुभ योग और मुहूर्त 22 सितंबर 2025
ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 ए एम से 05:23 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:50 ए एम से 12:39 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:16 पी एम से 03:04 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 06:18 पी एम से 06:42 पी एम
निशिता मुहूर्त: 11:51 पी एम से 12:38 ए एम, सितम्बर 23

शिववास: श्मशान में – 02:55 ए एम, सितम्बर 23 तक, उसके बाद गौरी के साथ.
आज के अशुभ मुहूर्त 22 सितंबर 2025
राहुकाल: 07:41 ए एम से 09:12 ए एम
यमगण्ड: 10:43 ए एम से 12:14 पी एम
गुलिक काल: 01:45 पी एम से 03:16 पी एम
दुर्मुहूर्त: 12:39 पी एम से 01:27 पी एम
दिशाशूल: पूर्व
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