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Gangaur 2025 Date: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि या चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन गणगौर पूजा होती है. सुहागन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु के लिए गुप्त व्रत रखती हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत…और पढ़ें

गणगौर 2025 तारीख
हाइलाइट्स
- इस साल गणगौर पूजा के दिन रवि योग बन रहा है.
- गणगौर दो शब्दों गण और गौर से मिलकर बना है.
- गण का अर्थ भगवान शिव, गौर का अर्थ माता पार्वती से है.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि या चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन गणगौर पूजा होती है. इस दिन सुहागन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु के लिए गुप्त व्रत रखती हैं. इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. इस साल गणगौर पूजा के दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिटाने की क्षमता होती है क्योंकि इसमें सूर्य का प्रभाव अधिक होता है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि गणगौर कब है? गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त, रवि योग कब से कब तक है?
गणगौर 2025 तारीख
पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि 31 मार्च को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और यह 1 अप्रैल मंगलवार को सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर खत्म हो जाएगी. इस बार तृतीया तिथि द्वितीया के साथ ही है क्योंकि 1 अप्रैल को सूर्योदय से पूर्व ही इसका क्षय हो रहा है. ऐसे में गणगौर 31 मार्च सोमवार को है. उस दिन ही गौरी पूजा की जाएगी.
गणगौर क्या है?
गणगौर दो शब्दों गण और गौर से मिलकर बना है. गण का अर्थ भगवान शिव और गौर का अर्थ माता पार्वती से है यानि गणगौर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. दांपत्य जीवन सुखमय होगा और जीवनसाथी की उम्र लंबी होगी. गणगौर का व्रत मनचाहे जीवनसाथी की कामना से भी कर सकते हैं.
गणगौर 2025 शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:40 ए एम से 05:26 ए एम तक
अमृत काल: 07:24 ए एम से 08:48 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 12:00 पी एम से 12:50 पी एम तक
निशिता मुहूर्त: 12:02 ए एम, अप्रैल 01 से 12:48 ए एम, अप्रैल 01 तक
रवि योग में गणगौर 2025
इस साल गणगौर के दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग दोपहर में 01 बजकर 45 मिनट से बनेगा, जो दोपहर में 2 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. गणगौरी की पूजा के दिन राहुकाल 07:46 ए एम से 09:19 ए एम तक है. राहुकाल में पूजा करने से बचें.
सुहागन महिलाएं पति से गुप्त रखकर क्यों करती हैं ये व्रत
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने एक बार भगवान शिव के लिए व्रत रखा था और उनकी विधिपूर्वक पूजा की. लेकिन वे भगवान शिव को इस व्रत के बारे में नहीं बताना चाहती थीं. भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती से इसके बारे में जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने नहीं बताया. वे गुप्त रुप से इस व्रत को पूर्ण करना चाहती थीं. इस कारण से सुहागन महिलाएं गणगौर व्रत और पूजा गुप्त रूप से करती हैं, ताकि पति को इसके बारे में जानकारी न हो. इतना ही नहीं, इस व्रत और पूजा का प्रसाद भी पति को नहीं देती हैं.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/gangaur-2025-date-shubh-muhurat-for-gauri-puja-ravi-yoga-significance-of-gangaur-pooja-9119127.html