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Grahan 2025 Astrology Prediction: श्राद्ध के पहले और अंतिम दिन ग्रहण, आने वाले 40 दिन उथल पुथल वाले, ग्रहण के बाद इस तरह उतारें शनि

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Grahan 2025 Astrology Prediction: श्राद्ध पक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण और अंतिम दिन सूर्य ग्रहण लगने वाला है. पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने पितृपक्ष के पहले और अंतिम दिन ग्रहण को लेकर ज्योति…और पढ़ें

श्राद्ध के पहले और अंतिम दिन ग्रहण, आने वाले 40 दिन उथल पुथल वाले
Grahan 2025 Astrology Prediction In Hindi: चंद्रग्रहण को लेकर पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना है. यह रविवार की रात को 9 बजकर 57 मिनट पर आरंभ होने जा रहा है. यह ग्रहण करीब साढ़े तीन घंटे का रहने वाला है. ग्रहण के समाप्‍त होने के बाद स्‍नान करना जरूरी है, जिससे तन और मन की शुद्धता बनी रहे. श्राद्ध पक्ष के पहले और अंतिम दिन ग्रहण होने की वजह से आने वाले 40 दिन देश दुनिया समेत सभी के लिए उथल पुथल वाले होने वाले हैं.

बेदद सावधानी भरा समय
पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने बातचीत के दौरान बताया कि रविवार को रात को 9 बजकर 57 मिनट पर चंद्र ग्रहण आरंभ होने जा रहा है. कुंभ राशि में राहु के साथ चंद्रमा की जो युति बन रही है, उसमें यह ग्रहण काल बनेगा. करीब साढ़े तीन घंटे का यह ग्रहण रहने वाला है. यह विशेष समय पर आया है, श्राद्ध से पहले चंद्र ग्रहण और बाद में सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. इन दो ग्रहणों के बीच में 15 दिन का समय चल रहा है, यह बहुत सावधानी भरा है. इसमें कई ग्रहों के परिवर्तन का योग बन रहा है.

40 दिन उथल पुथल वाले
श्राद्ध पक्ष के पहले और अंतिम दिन ग्रहण होने की वजह से आने वाले 40 दिनों में विश्‍व में कई प्रकार से उथल-पुथल होने की संभावना है. इस दौरान प्राकृतिक आपदाएं दैसे भूकंप, सुनामी, बाढ़ आदि जैसी घटनाएं देखने को मिलेंगी. साथ ही देश की राजनीति में भी दंगल देखने को मिलेगा, सता पक्ष और विपक्ष में भारी टकराव देखने को मिल सकते हैं. वहीं पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है.

हर व्यक्ति और जीव पर पड़ेगा प्रभाव
पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने बताया कि चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. आकाश मंडल में जिस प्रकार ग्रहों का परिवर्तन होता है, उसके अनुसार सूर्य और चंद्रमा के बीच में होने से पृथ्‍वी पर जो छाया पड़ती है, उसके कारण ग्रहण होता है. इस ग्रहण का प्रभाव हर व्‍यक्ति और जीव पर पड़ता है. किसी पर सकारात्‍मक तो किसी पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है. ग्रहणकाल भारतीय ज्‍योतिष गणना के अनुसार पर्व काल माना जाता है. इस दौरान भगवान के मंत्र जप, साधना और चिंतन के द्वारा पुण्य अर्जित कर सकते हैं.
सभी राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
चंद्र ग्रहण पर पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य कहते हैं कि ग्रहण के प्रभाव को राशियों के दृष्टिकोण से बहुत विस्तृत रूप से समझा जा सकता है. 12 राशियों में से प्रत्येक पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है.

ग्रहण के बाद करें यह काम
ग्रहण काल के बाद सबसे पहले स्‍नान करना चाहिए. ग्रहण रात में करीब डेढ़ बजे समाप्‍त होगा. कहा जाता है कि ग्रहण का दोष लगता है क्‍योंकि स्‍नान न करने पर सूतक काल व्‍याप्‍त रहता है. भारतीय संस्‍कृति स्‍नानमय संस्‍कृति है. शनि को उतारना है तो ग्रहण के बाद स्‍नान करना जरूरी है.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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