Kaal Bhairav Jayanti 2025: भैरव बाबा का नाम सुनते ही मन में शक्ति, डर और रहस्य का एहसास एक साथ होता है. भगवान शिव के सबसे उग्र रूप माने जाने वाले काल भैरव को “समय के स्वामी” कहा गया है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भैरव बाबा की पूजा करता है, उसके जीवन से डर, बाधाएं, शत्रु और बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं. हर साल मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव ने अहंकारी ब्रह्मा जी का अहंकार तोड़ने और अधर्म का नाश करने के लिए काल भैरव रूप धारण किया था. शास्त्रों में कहा गया है कि भैरव बाबा के भक्त को कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होती, बस उसे सच्चे मन से पूजा और कुछ खास उपायों को अपनाना चाहिए. 2025 की भैरव जयंती पर अगर आप ये 8 आसान उपाय करेंगे, तो आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा, डर और शत्रुओं का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा और भैरव बाबा की कृपा हमेशा आपके साथ रहेगी. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
1. भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं
सुबह जल्दी स्नान कर साफ कपड़े पहनें और भैरव मंदिर जाएं. वहां सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें एक-एक लौंग डालें. माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सुख-शांति आती है. यह उपाय खास तौर पर उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके घर में बार-बार झगड़े या तनाव होते हैं.
2. काले कुत्ते को खिलाएं रोटी
भैरव बाबा का वाहन काला कुत्ता माना जाता है. इस दिन काले कुत्ते को रोटी पर तेल लगाकर खिलाना बहुत शुभ होता है. यह उपाय नजर दोष, शत्रु बाधा और दैहिक कष्टों को खत्म करता है. जो लोग जीवन में लगातार किसी न किसी रुकावट से परेशान हैं, उन्हें ये उपाय ज़रूर करना चाहिए.
3. भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ करें
काल भैरव अष्टमी पर “भैरव चालीसा” या “काल भैरव अष्टक” का श्रद्धा से पाठ करने से सभी संकट मिट जाते हैं. यह पाठ व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है, अगर आप रोज़ नहीं कर पाते, तो सिर्फ इस दिन पाठ करना भी बहुत फलदायक होता है.
4. तांबे के पात्र से करें अभिषेक
भैरव बाबा को खुश करने के लिए उन्हें तांबे के पात्र में जल, दूध, शहद और इत्र मिलाकर स्नान कराएं. इससे रुके हुए काम पूरे होते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. यह उपाय खास तौर पर उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके काम बार-बार अटकते हैं या धन संबंधी रुकावटें रहती हैं.
5. शराब की जगह चढ़ाएं इत्र या शीतल पेय
कई जगह भैरव पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि उसकी जगह इत्र या शीतल पेय अर्पित करना ज़्यादा पवित्र माना जाता है. इससे भैरव बाबा की कृपा बनी रहती है और पूजा में पवित्रता भी कायम रहती है.

6. भैरव बाबा को सिंदूर और काले तिल अर्पित करें
भैरव बाबा को काले तिल और सिंदूर बहुत प्रिय हैं. इन्हें अर्पित करने से शनि और राहु के प्रभाव शांत होते हैं,
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष है या भाग्य साथ नहीं दे रहा, तो यह उपाय बहुत असरदार साबित होता है.
7. गरीबों और साधुओं को भोजन कराएं
भैरव जयंती के दिन किसी गरीब, साधु या भिखारी को भोजन कराना भैरव कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है.
यह उपाय पितृ दोष, धन की कमी और मानसिक बेचैनी से छुटकारा दिलाता है. साथ ही जीवन में सुकून और स्थिरता लाता है.
8. रात में करें “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप
अष्टमी की रात को शांत जगह पर बैठकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें
“ॐ कालभैरवाय नमः”
यह जाप एक अदृश्य सुरक्षा कवच बनाता है और घर-परिवार पर आने वाले संकटों को रोकता है, अगर रोज़ न कर पाएं, तो सिर्फ इस दिन करना भी बेहद शुभ माना गया है.
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