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Lalbaugcha Raja Visarjan 2025: धूमधाम से लालबागचा राजा का विसर्जन, 91 सालों से हरेक की इच्छा पूरी करते हैं बप्पा, जानें पूरा इतिहास

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Lalbaugcha Raja Visarjan 2025: आज अनंत चतुर्दशी के मौके पर धूमधाम से लालबागचा राजा का विसर्जन कर दिया गया है. लालबागचा राजा के लिए लाखों की संख्या में भक्त इकट्ठे हुए और बप्पा से आशीर्वाद की कामना की. लालबागचा …और पढ़ें

धूमधाम से लालबागचा राजा का विसर्जन, 91 सालों से हर इच्छा पूरी करते हैं पूरी
Lalbaugcha Raja Ganesh Visarjan 2025: अनंत चतुर्दशी के मौके पर मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा का धूमधाम से विसर्जन कर दिया गया है. इसी के साथ 10 दिन तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन भी हो गया है. मुंबई के लालबाग में स्थापित गणेश प्रतिमा को लालबागचा राजा के नाम से जाना जाता है और आज के दिन ढ़ोल नगाड़ों के साथ राजा का विसर्जन कर दिया गया है. हर साल जब अनंत चतुर्दशी का त्योहार आता है तो मुंबई की गलियों से लेकर मंदिरों तक एक अलग ही रौनक दिखाई देती है. ढोल-ताशों की गूंज, बप्पा के विसर्जन में लगने वाले जयघोष, फूलों से मंडलों की सजावट और उन्हें देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़, ये सब मिलकर इस त्योहार को बेहद खास बना देते हैं.

लालबागचा राजा को कहते हैं मन्नतों का राजा
गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक बप्पा के दर्शन या प्रतिमा की बात आती है तो सबसे पहला नाम जो हर किसी की जुबान पर आता है, वह है लालबागचा राजा मंदिर का. मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल लालबागचा राजा लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है. लालबाग परेल क्षेत्र स्थित यह पंडाल हर साल गणेशोत्सव के दौरान दुनियाभर से भक्तों को अपनी ओर खींचता है. यहां श्रद्धालु न सिर्फ दर्शन के लिए, बल्कि मन की मुरादें पूरी करने की आस लेकर दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि जो भी सच्चे दिल से लालबागचा राजा से प्रार्थना करता है, उसकी हर मुराद जरूर पूरी होती है. इसलिए तो इन्हें ‘मन्नतों का राजा’ भी कहा जाता है.

दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में आते हैं भक्त
हर साल की तरह बड़ी और और मशहूर हस्तियों के साथ-साथ हजारों लाखों की संख्या में भक्त यहां बप्पा के दर्शन करने आते हैं. इस बार यहां गणपति की 22 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई थी, जो तमिलनाडु के रामेश्वरम की पौराणिक कथा से प्रेरित थी. लालबागचा राजा मंडल के उपाध्यक्ष सिद्धेश कोरगावकर ने बताया कि यह लालबाग इलाके का सबसे पुराने गणपति हैं. इस बार उनकी 22 फीट ऊंची मूर्ति बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि मूर्ति और इसकी सजावट में रामेश्वरम की थीम को दर्शाया गया है, जिसमें हनुमानजी रामेश्वरम से भगवान शंकर का पिंड लेकर आते हैं.

1934 में हुई थी स्थापना
लालबागचा राजा मंडल की स्थापना साल 1934 में हुई थी. दरअसल, करीब नौ दशक पहले कुछ मछुआरों और दुकानदारों ने मिलकर बप्पा से बाजार के लिए एक पक्की जगह मिलने की मन्नत मांगी थी. जब उनकी यह मन्नत पूरी हुई तो उन्होंने आभार स्वरूप एक छोटी सी गणेश मूर्ति स्थापित की. वहीं से यह परंपरा शुरू हुई और आज 91 साल बाद भी पूरी आस्था के साथ निभाई जा रही है.

दर्शन के लिए दो मुख्य कतारें
लालबागचा राजा के दर्शन के लिए दो मुख्य कतारें होती हैं. एक होती है नवसाची लाइन, जिसमें वे लोग लगते हैं जो अपनी किसी विशेष मन्नत लेकर बप्पा के चरणों तक जाना चाहते हैं. इस लाइन में दर्शन के लिए 25 से 40 घंटे तक का समय भी लग सकता है. दूसरी लाइन होती है मुखदर्शन लाइन, जिसमें भक्त बप्पा को दूर से देख सकते हैं. यह लाइन अपेक्षाकृत छोटी होती है. कई बार यहां 4 से 5 घंटे लग जाते हैं.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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धूमधाम से लालबागचा राजा का विसर्जन, 91 सालों से हर इच्छा पूरी करते हैं पूरी


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