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Pitru Paksha 2025 Mangalwar: कल पितृपक्ष का पहला मंगलवार, शुभ योग में करें पितर और हनुमानजी की पूजा, जानें पूजन विधि और महत्व

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Pitru Paksha 2025 Mangalwar: कल यानी 9 सितंबर को पितृपक्ष का दूसरा दिन और मंगलवार का दिन है. इस दिन पितरों के साथ हनुमानजी की पूजा करने का विशेष फायदा मिलता है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ कई शुभ योग बन र…और पढ़ें

पितृपक्ष का पहला मंगलवार, शुभ योग में करें पितर और हनुमानजी की पूजा
Frist Mangalwar Of Pitru Paksha 2025: आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को मंगलवार पड़ रहा है और इस दिन पितृपक्ष के दूसरे दिन का श्राद्ध किया जाएगा. हनुमानजी की पूजा का महत्व शास्त्रों में अत्यंत उच्च बताया गया है. मंगलवार का व्रत रखकर हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और भूत, प्रेत व नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है. हनुमानजी अष्टसिद्धि और नवनिधि के दाता माने गए हैं, उनकी पूजा करने से साहस, आत्मविश्वास और कठिन कार्यों को पूरा करने की क्षमता प्राप्त होती है.
पितृपक्ष के पहले मंगलवार को कई शुभ योग
दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर को 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इस दिन सूर्य सिंह राशि और चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे. सर्वार्थ सिद्धि योग ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है. साथ ही इस दिन अतिगण्ड योग और वृद्धि योग भी बन रहा है. मान्यता है कि पितृपक्ष के पहले दिन इन शुभ योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है.

हनुमानजी के पूजा से शनि दोष होगा दूर
पितृपक्ष के दूसरे दिन के साथ 9 सितंबर को मंगलवार का दिन भी है. स्कंद पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए कई साधक प्रसन्न व्रत भी रखते हैं. इस दिन किए गए कुछ काम बहुत शुभ फल देते हैं, जबकि कुछ काम करने से बचना चाहिए. ज्योतिष में हनुमानजी को शनि की पीड़ा को शांत करने वाला माना गया है. लाल किताब और अन्य ग्रंथों में यह वर्णित है कि शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या पापग्रहों की बाधा में हनुमान पूजा अत्यंत लाभकारी होती है.

पितृपक्ष के पहले दिन मंगलवार की पूजा विधि
मंगलवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं और बजरंग बली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें. साथ ही इस दिन शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. व्रत में केवल एक बार भोजन करें और नमक का सेवन न करें. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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पितृपक्ष का पहला मंगलवार, शुभ योग में करें पितर और हनुमानजी की पूजा


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