Tuesday, September 23, 2025
25.5 C
Surat

pitru paksha 2025 rules put photos of ancestors shradh pind daan on social media mistake to avoid | पितरों के श्राद्ध—पिंडदान के फोटो सोशल मीडिया पर डालने से क्या होता है


Pitru Paksha 2025 Rules:  इस समय पितृ पक्ष चल रहा है. पितृ पक्ष के समय में लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, दान आदि करते हैं. ​पितरों को खुश करने के लिए तर्पण, पंचबलि कर्म आदि किया जाता है. इन दिनों सोशल मीडिया का क्रेज है. लोग कोई भी काम करते हैं, उसका फोटो या वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर डाल देते हैं. लोगों को अपने किए गए कार्यों को दूसरों तक शेयर करने की आदत सी पड़ गई है. इसी वजह से कुछ लोग पितृ पक्ष में पितरों के किए गए श्राद्ध, तर्पण आदि के फोटोज भी सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं. यदि आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो भूलकर भी यह गलती न करें, यह आपको भारी पड़ सकती है.

सोशल मीडिया पर फोटो डालने से पितृ होंगे नाराज

महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के ज्योतिषाचार्य डॉ मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि शास्त्रों में श्राद्ध कर्म का प्रदर्शन वर्जित है. वे बताते हैं कि मनु स्मृति, गरुड़ पुराण और धर्मसिंधु में साफ तौर पर बताया गया है कि पितरों के श्राद्ध को पूर्ण रूप से गोपनीय रखना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, पितरों के श्राद्ध का मूल भाव ही निस्वार्थ कर्म है, उसका प्रदर्शन नहीं.

श्राद्ध का सार्वजनिक प्रदर्शन शास्त्रसम्मत नहीं

ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी के अनुसार, मनुस्मृति (3/203) में बताया गया है “श्राद्धं प्रकटयन्नित्यं न लभेत परमं श्रियम्।” इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति श्राद्ध का प्रदर्शन करता है, उसे उसका उत्तम फल प्राप्त नहीं होता है.

गृह्यसूत्र और धर्मसिंधु ग्रंथों में भी श्राद्ध कर्म को “रहस्यपूर्ण” बताया गया है. श्राद्ध कर्म में शोर-शराबा, लोक प्रदर्शन यानि बाहरी दिखावा पूर्णतया प्रतिबंधित है.

नष्ट होती है भावनाओं की पवित्रता

ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी का कहना है​ कि लोगों को समझना चाहिए कि श्राद्ध करने का मूल भाव “श्रद्धा” से जुड़ा है, न कि दिखावे से. श्रद्धा से ही श्राद्ध बना है. आप जो भी श्रद्धा भाव से अपने पितरों को अर्पित करते हैं, वही श्राद्ध कहलाता है. सोशल मीडिया पर श्राद्ध के प्रदर्शन से भावनाओं की पवित्रता खत्म हो जाती है. इससे पितर नाराज होते हैं.

शास्त्रों के अनुसार, पितरों की इच्छा होती है कि श्राद्ध कार्य एकांत में नि:स्वार्थ भाव से किया जाए. श्राद्ध कर्म के प्रचार से आपके पितर नाराज हो सकते हैं. जिससे आपके पुण्य का नाश होता है. श्राद्ध को सार्वजनिक करने से उस कर्म की गोपनीयता भंग होती है, उसका पुण्य खत्म होता है.

श्राद्ध में क्या करें

पितृ पक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं तो उस दौरान पूर्ण एकाग्रता और श्रद्धा रखनी चाहिए. पितरों के श्राद्ध कर्म या तर्पण का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें. पितृ तर्पण नि:स्वार्थ और गोपनीयता के साथ करें.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/pitru-paksha-2025-rules-put-photos-of-ancestors-shradh-pind-daan-on-social-media-mistake-to-avoid-ws-ekl-9612592.html

Hot this week

Devoted wife in Indian culture। पतिव्रता स्त्री का अर्थ क्या है

Pativrata Meaning: पति-पत्नी का रिश्ता सिर्फ साथ निभाने...

Topics

Devoted wife in Indian culture। पतिव्रता स्त्री का अर्थ क्या है

Pativrata Meaning: पति-पत्नी का रिश्ता सिर्फ साथ निभाने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img