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PM मोदी धीरेंद्र शास्त्री के कैंसर हॉस्पिटल का करेंगे शिलान्यास, जानें बागेश्वर धाम का रहस्य और इतिहास

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History of Bageshwar Dham: छतरपुर स्थिति बागेश्वर धाम में 100 बेड वाला कैंसर हॉस्पिटल बनाया जा रहा है और इस हॉस्पिटल का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. यह हॉस्पिटल पंडित धीरेंद्र शास्त्री…और पढ़ें

PM मोदी कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे नींव, जानें बागेश्वर धाम का रहस्य और इतिहास

PM मोदी धीरेंद्र शास्त्री के कैंसर हॉस्पिटल का करेंगे शिलान्यास

हाइलाइट्स

  • पीएम मोदी बागेश्वर धाम में कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास करेंगे.
  • 252 करोड़ की लागत से 100 बेड का हॉस्पिटल बनेगा.
  • बागेश्वर धाम में बालाजी मंदिर और धीरेंद्र शास्त्री का दरबार प्रसिद्ध है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पंडित धीरेंद्र शास्त्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यस करने के लिए बागेश्वर धाम पहुंचेंगे. छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम जनसेवा समिति द्वारा 100 बेड वाला कैंसर हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, जिसकी लागत 252 करोड़ रुपए होगी. यह हॉस्पिटल तीन साल में बनकर तैयार होगा, जो 25 एकड़ में फैला होगा. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बागेश्वर धाम हनुमानजी के मंदिर और आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां मंदिर में आकर श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाते हैं और उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. आइए जानते बागेश्वर धाम का रहस्य और महत्व…

252 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा हॉस्पिटल
पीएम मोदी छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में 100 बेड वाले कैंसर हॉस्पिटल का भूमि पूजन करेंगे. इस हॉस्पिटल के लिए 25 एकड़ की जमीन को चुना गया है. 252 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह हॉस्पिटल लगभग तीन साल में बनकर तैयार होगा. यहां गरीबों का मुफ्त इलाज होगा और अन्य मरीजों का कम खर्च में इलाज किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस हॉस्पिटल का निर्माण चार चरणों में किया जाने वाला है, जिससे इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके. पीएम के स्वागत के लिए मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव छतरपुर के लिए रवाना हो चुके हैं.

बागेश्वर धाम का इतिहास
बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री भगवान बालाजी का दरबार लगाते हैं और उनकी समस्याओं को पर्ची पर लिखकर परेशानियों को दूर करते हैं. यहां बालाजी भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है, जो छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड़ पर मौजूद गंज नाम के कस्बे में स्थित है. यहां स्थित बालाजी मंदिर का साल 1986 में जीर्णोद्धार करवाया गया था, उसके बाद से ही यहां चमत्कार होने लगे और यह मंदिर काफी प्रसिद्ध होता चला गया. साल 1987 में संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ, जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी थे.

सभी भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
धीरेंद्र शास्त्री बचपन से ही धार्मिक गतिविधियों से जुड़े गए थे और वे दादाजी के साथ दरबार भी लगाते थे. साथ ही वे कई जनकल्याण के कार्यों से भी जुड़े हुए थे. बताया जाता है कि इसी वजह से बालाजी भगवान की धीरेंद्र शास्त्री पर कृपा हुई और सिद्धियां प्राप्त हुईं. साल 2012 में भक्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए बालाजी के दरबार का आरंभ हुआ था. इसके बाद साल 2016 में बागेश्वर धाम का भूमि पूजन हुआ और यह धाम भक्तों की समस्याओं के निवारण के लिए काफी प्रसिद्ध हो गया. धीरेंद्र शास्त्री से पहले कई पीढ़ियां यहां दिव्य दरबार लगा चुके हैं लेकिन अब जैसा प्रचार-प्रसार पहले नहीं हुआ था. मान्यता है कि यहां सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनकी बालाजी की कृपा से समस्या का समाधान होता है.

बागेश्वर धाम की मान्यता
बागेश्वर धाम का दरबार मंगलवार और शनिवार को लगता है, इसलिए यहां दो दिन भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, खासकर मंगलवार को. अगर बालाजी से अपनी इच्छा पूरी करवानी है या किसी समस्या से छुटकारा चाहिए तो आप बागेश्वर धाम आकर पर्ची लगा सकते हैं, इसकी प्रकिया बेहद आसान है. साथ ही आप घर बैठे भी पर्ची लगा सकते हैं.इसके लिए एक लाल कपड़े में पर्ची बांधकर नारियल के साथ मंदिर के परिसर में रख दें. मंदिर के परिसर में लाल, पीले और काले कपड़े में नारियल बंधे हुए देख सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति पर प्रेत बाधा है तो वह काले कपड़े में पर्ची लगा सकता है. अगर आप बागेश्वर धाम नहीं पहुंच सकते तो इस प्रकिया को घर पर ही कर सकते हैं और नारियल को घर के मंदिर में रख दें. धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार, घर से लगाई गई पर्ची भी बालाजी महाराज जरूर स्वीकार करते हैं.

इस तरह स्वीकार होती है अर्जी
धीरेंद्र शास्त्री ने बताया है कि अगर आपने बालाजी महाराज को अर्जी लगाई है तो वह इसे जरूर स्वीकार करेंगे. आपकी अर्जी स्वीकार कई गई है या नहीं, इसकी जानकारी आपको सपने में मिलती है. बालाजी महाराज द्वारा अर्जी स्वीकार कर लेने पर घर सदस्यों को या फिर जिसने अर्जी लगाई है, उस व्यक्ति को कुछ दिन तक सपने में बंदर दिखाई देते हैं. अगर सपने में एक बंदर दिखाई दे तो इसका अर्थ है कि आपकी अर्जी बालाजी महाराज तक पहुंच चुकी है. वहीं अगर इस तरह के सपने नहीं आते हैं तो मंगलवार के दिन उपवास रखकर फिर से इस प्रकिया को पूरा करें.

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https://hindi.news18.com/news/dharm/pm-modi-visit-bageshwar-dham-know-the-mystery-and-history-of-bageshwar-dham-of-dhirendra-krishna-shastri-9053208.html

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