Premanand ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के भक्त केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मौजूद हैं. लोग दूर-दूर से उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं. प्रेमानंद जी महाराज से लोग अपनी परेशानियों का समाधान जानने आते हैं. हर समस्या का समाधान वे बेहद साधारण तरीके से बताते हैं. यही वजह है कि प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हाल ही में, एक व्यक्ति वृंदावन में आयोजित संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचा और उसके सवाल ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को स्तब्ध कर दिया. व्यक्ति बहुत दुखी और अपराधबोध से भरा हुआ नजर आया.
व्यक्ति ने भावुक होकर संत प्रेमानंद जी महाराज से कहा- “मैं अब तक 150 से ज्यादा पुरुषों के साथ संबंध बना चुका हूं. अब मुझे क्या करना चाहिए?” उसने कहा कि उसे अपने इस स्वभाव पर पछतावा है और अब वह इससे छुटकारा पाना चाहता है.
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प्रेमानंद जी महाराज, जो अपनी शांत और प्रेममयी वाणी के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने बिना किसी झिझक के इस सवाल का जवाब दिया. प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जैसे एक रोगी डॉक्टर के सामने अपनी हर कमजोरी खुलकर रखता है, वैसे ही हमें भी संतों और सद्गुरु के समक्ष अपनी बात निःसंकोच रखना चाहिए. यही हमारी आध्यात्मिक प्रगति का पहला चरण है. हमें लगता है कि आप पर भगवान की विशेष कृपा है, तभी आप इस विषय पर आत्मचिंतन कर पा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसी प्रवृत्तियां जन्मजात नहीं होतीं, बल्कि यह पूर्व जन्मों के संस्कारों और इस जीवन के अनुभवों का असर हो सकती हैं. इन्हें साधना, भक्ति और आत्मचिंतन से बदला जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप स्वयं से पूछें, तो पाएंगे कि इस प्रवृत्ति से आपको कोई स्थायी सुख नहीं मिला है. इसलिए यह आवश्यक है कि आप संयम अपनाएं, नियमों में रहें, भगवान का नाम जप करें और समाज सेवा में लगें. जब तक हम धर्म और मर्यादा के अनुसार जीवन नहीं जीते, तब तक न अपना कल्याण संभव है, न दूसरों का. इसलिए यह विचार करना आवश्यक है कि जीवन की दिशा अब किस ओर मोड़ी जाए.
महाराज जी ने व्यक्ति को समझाया- “तुम्हारा शरीर इस दुनिया में फंसने के लिए नहीं, बल्कि परमात्मा की ओर बढ़ने के लिए बना है. अपराधबोध में मत डूबो, अब से अपनी आत्मा की जीत के रास्ते पर चलो.”
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आप वृंदावन की परिक्रमा करें, मौन व्रत रखें, ‘राधे-राधे’ का नाम जपें, और अपने कर्मों के लिए साष्टांग दंडवत प्रणाम करते हुए क्षमा याचना करें. वृंदावन कृपालु है, वह आपको क्षमा करेगा और आपके जीवन को सही दिशा देगा.
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