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radha ashtami 2025 vrat niyam in hindi For first timers Know radha ashtami pujan muhurat | पहली बार रख रहे हैं राधा अष्टमी का व्रत, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें

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Radha Ashtami Vrat 2025: 31 अगस्त दिन रविवार को राधा अष्टमी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. श्रीकृष्ण प्यारी राधा रानी का प्राकट्य कृष्ण जन्माष्टमी से ठीक 15 दिन बाद हुआ था. अगर आप पहली बार राधा अष्टमी का व्रत कर रहे…और पढ़ें

पहली बार रख रहे हैं राधा अष्टमी का व्रत, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा अष्टमी कहते हैं. यह दिन श्रीराधा रानी जी का प्रकटोत्सव के तौर पर मथुरा, बरसाना समेत पूरे ब्रज में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि राधा जी स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की ह्लादिनी शक्ति हैं. जिस प्रकार कृष्ण सत्-चित्-आनंद के प्रतीक हैं, वैसे ही राधा रानी भक्ति और प्रेम की अधिष्ठात्री देवी हैं. अगर आप राधा अष्टमी का व्रत पहली बार कर रहे हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है. इन नियमों को ध्यान में रखकर भी राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. आइए जानते हैं पहली बार राधा अष्टमी का व्रत रखने वालों के लिए नियम…

राधा अष्टमी का महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि श्रीकृष्ण से बढ़कर राधा रानी का नाम है, क्योंकि कृष्ण तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग राधा ही हैं. राधा अष्टमी का व्रत रखने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, दांपत्य जीवन सुखमय होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत-पूजन करने से घर में सौभाग्य, शांति और भक्ति बढ़ती है. पहली बार राधा अष्टमी का व्रत करने पर भी अगर पूर्ण श्रद्धा, भक्ति और सच्चे मन से पूजा की जाए तो श्रीराधा-कृष्ण की कृपा शीघ्र मिलती है और जीवन में प्रेम, सुख और शांति आती है. इस व्रत का मूल सार यही है – राधे नाम जपते रहो, कृष्ण अपने आप पास आ जाएंगे.

राधा अष्टमी पूजन समय – 11 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.

पहली बार राधा अष्टमी व्रत रख रहे हैं तो ध्यान रखने योग्य बातें

प्रातः स्नान कर स्वच्छ पीले या लाल वस्त्र धारण करें, व्रत का संकल्प लें कि मैं राधा अष्टमी का व्रत भक्ति-भाव से पूर्ण करूंगा/करूंगी. दिनभर व्रत रखें, केवल फलाहार या जल ग्रहण करें. दोपहर/संध्या के समय कथा या भजन करें. सायंकाल आरती करके व्रत का समापन करें. व्रत में क्रोध, असत्य, अपशब्द और नकारात्मक भाव से बचें. व्रत को केवल शरीर का तप न मानें, इसे मन की शुद्धि और भक्ति का साधन बनाएं. व्रत के दिन दान-पुण्य अवश्य करें (फल, अनाज, वस्त्र). राधा अष्टमी के व्रत में नमक का सेवन करने से बचें.

राधा अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के युगल स्वरूप का पूजन करें. राधा रानी को मालपुए, मिठाई, रबड़ी, केसर युक्त खीर और फलों का भोग लगाएं. राधा रानी को भोग लगाते समय ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।’ मंत्र का अवश्य जप करें.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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