Last Updated:
Ram Navami 2025 Surya Tilak: अयोध्या समेत पूरे देश में आज भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस विशेष मौके पर आज अयोध्या के रामलला का सू्र्य तिलक किया जाएगा. इस भव्य आयोजन को आज आप टीवी के माध्यम से ला…और पढ़ें

Ram Navami 2025 Surya Tilak
हाइलाइट्स
- राम नवमी 2025 पर अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक होगा.
- दोपहर 12 बजे से सूर्य तिलक लाइव टीवी पर देख सकते हैं.
- सूर्य तिलक भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक है.
आज अयोध्या समेत देशभर में धूमधाम से राम नवमी 2025 का पर्व मनाया जा रहा है और आज ही चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन है. यह पर्व हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र कर्क लग्न और दोपहर के समय हुआ था इसलिए अयोध्या के रामलला का भी दोपहर के समय सूर्याभिषेक किया जाएगा. दोपहर 12 बजे से होने वाले श्रीराम का सूर्य तिलक आप टीवी के माध्यम से लाइव देख सकते हैं. आइए जानते हैं भगवान राम के सूर्य तिलक का क्या महत्व है…
कैसे किया जाएगा सूर्य तिलक
राम नवमी 2025 के मौके पर आज अयोध्या के राम मंदिर में सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर चल रहा है. इस पावन पर्व पर दोपहर के समय रामलला के प्राकट्य पर सूर्य का अभिषेक किया जाएगा. राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है, जिससे गर्भ ग्रह में मौजूद रामलला की प्रतीमा तक सूर्य की किरणों को लाया जाता है. जब सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर लगती हैं, तब सूर्य तिलक किया जाता है.
आज कितने बजे होगा सूर्य तिलक
4 मिनट तक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति के ललाट पर डाली जाएंगी और सूर्य तिलक किया जाएगा. रामलला के सूर्य तिलक की प्रकिया दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 12 बजकर 4 मिनट तक रहेगी. इस राम नवमी से लेकर अगले 20 साल तक भगवान राम के जन्मोत्सव पर सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी. आने वाले 19 सालों तक हर वर्ष रामलला के सूर्य तिलक का समय बढ़ता जाएगा.
अपने रथ के साथ एक महीने अयोध्या में रुके थे सूर्यदेव
रामचरीत मानस में तुलसीदासजी की एक चौपाई लिखाई है, जिसमें लिखा है ‘मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ। रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।’ इसका अर्थ है कि जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तब सूर्यदेव काफी प्रसन्न थे और अपने रथ के साथ ही अयोध्या पहुंच गए थे और पूरे एक महीने तक रुके थे. सूर्यदेव के अयोध्या में रहने से यहां पूरे एक महीने तक रात ही नहीं हुई थी. इसलिए कहा जाता है कि अयोध्या में अगर आप एक दिन रूक गए हैं तो समझ लो आप एक महीने तक वहां रह चुके, यहां एक दिन एक महीने के बराबर होता है.
सूर्य तिलक का महत्व
भगवान राम का जन्म सूर्यवंश में हुआ था और उनके कुल देवता भी सूर्यदेव ही हैं. श्रीराम का जन्म मध्य काल में अभिजीत मुहूर्त हुआ था और इस समय सूर्य अपने पूरे प्रभाव में थे. शास्त्रों में सूर्य को जीवन का स्त्रोत माना जाता है और होने वाला सूर्य तिलक भगवान राम के सूर्यवंश के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है. उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से यश, बल, आरोग्य, तेज की प्राप्ति होती है और कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्यदेव की स्थिति भी मजबूत होती है. कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होने से कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और समाज में आपकी यश, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है. रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें पहुंचाने के लिए तंत्र का प्रयोग किया जाएगा और इस प्रकिया को लाइव टीवी पर देख सकेंगे.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/ram-navami-2025-surya-tilak-ayodhya-ram-mandir-ram-lala-surya-tilak-time-spiritual-importance-of-surya-tilak-9155418.html