शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ: 22 सितंबर, सोमवार, 01:23 ए एम से
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि का समापन: 23 सितंबर, मंगलवार, 02:55 ए एम पर
शुक्ल योग: प्रात:काल से लेकर शाम 07:59 पी एम तक
ब्रह्म योग: शाम 07:59 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र: प्रात:काल से 11:24 ए एम तक
हस्त नक्षत्र: 11:24 ए एम से पूरे दिन
2. शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:43 बजे तक
3. कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त: 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
कलश स्थापना सामग्री
मिट्टी या पीतल का कलश, गंगाजल, जौ, आम के पत्ते, अशोक के पत्ते, केले के पत्ते, सात प्रकार के अनाज, जटावाला नारियल, गाय का गोबर, गाय का घी, अक्षत्, धूप, दीप, रोली, चंदन, कपूर, माचिस, रुई की बाती, लौंग, इलायची, पान का पत्ता, सुपारी, फल, लाल फूल, माला, पंचमेवा, रक्षासूत्र, सूखा नारियल, नैवेद्य, मां दुर्गा का ध्वज या पताका, दूध से बनी मिठाई आदि.
नवरात्रि कलश स्थापना कैसे करें?
2. उसके बाद उस पर सात प्रकार के अनाज रखें. फिर उस पर कलश की स्थापना करें. कलश के ऊपर रक्षासूत्र बांधें और रोली से तिलक लगाएं.
5. इस प्रकार से कलश स्थापना करें. उसके पास मिट्टी डालकर उसमें जौ डालें और पानी से उसे सींच दें. इस जौ में पूरे 9 दिनों तक पानी डालना है. ये जौ अंकुरित होकर हरा भरा हो जाएगा. हरा जौ सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है.
कलश स्थापना का महत्व
नवरात्रि में कलश स्थापना करने के बाद मां दुर्गा का आह्वान करते हैं. कलश स्थापना करके ही त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ अन्य देवी और देवताओं को इस पूजा का साक्षी बनाते हैं. धर्म शास्त्रों में कलश को मातृ शक्ति का प्रतीक मानते हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में कलश में सभी देवी और देवताओं का वास होता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/shardiya-navratri-2025-kalash-sthapana-vidhi-muhurat-puja-samagri-significance-of-ghatasthapana-ws-kl-9646039.html