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Special Tradition: खंडवा किन्नर समाज द्वारा विशेष परंपरा का निर्वहन, जन्म देने वाली से भी ऊपर मां ‘धर्म की मां’, होता है खास रस्म

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Special Tradition: खंडवा किन्नर समाज अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है. किन्नर अपने परिवार समाज और रिश्ते नाते छोड़कर दूसरी दुनिया में रहते है लेकिन इनकी समाज की भी कई अनोखी परंपराएं हैं जिसमें यह अपनी असली…और पढ़ें

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किन्नर समाज अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है 

हाइलाइट्स

  • खंडवा किन्नर समाज की अनोखी परंपरा
  • धर्म की मां को फल, कपड़े भेंट करते हैं
  • समर्पण और आभार प्रकट करने का तरीका

खंडवा. खंडवा का किन्नर समाज अपनी खास परंपराओं के लिए मशहूर है. यह समुदाय अपने पारिवारिक, सामाजिक और रिश्तों से अलग एक नई दुनिया में जीवन जीता है, लेकिन इनके समाज में भी कई गहरी और अनूठी परंपराएं हैं. इनमें से एक परंपरा है अपनी असली मां को छोड़कर ‘धर्म की मां’ को मानने की. इस परंपरा के तहत किन्नर अपने धर्म की मां से आशीर्वाद लेने के लिए खास रीति-रिवाज अपनाते हैं.

क्या है यह अनोखी परंपरा?
किन्नर समाज में धर्म की मां को बहुत सम्मान और श्रद्धा के साथ अपनाया जाता है. इस परंपरा के तहत वे अपनी धर्म की मां के लिए खासतौर पर फल, कपड़े और अन्य जरूरी चीजें लेकर जाते हैं. यह एक तरह से अपनी धर्म की मां को समर्पण और आभार प्रकट करने का अनोखा तरीका है.

सितारा गुरु ने साझा किया अनुभव
किन्नर समाज की वरिष्ठ सदस्य सितारा गुरु ने बताया कि उनकी ‘धर्म की मां’ छनेरा वाली मम्मी हैं. वे उनके लिए फल और अन्य चीजों से भरी टोकरी लेकर जा रही थीं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक बड़े किन्नर सम्मेलन में उन्हें धर्म की बेटी बनाया गया था. इस परंपरा के अनुसार, ग्यारह टोकनियों में फल-फ्रूट और अन्य सामग्री धर्म की मां को भेंट की जाती है.

वर्षों से चली आ रही परंपरा
सितारा गुरु ने यह भी कहा कि उनकी धर्म की मां उनके लिए उनकी असली मां से भी बढ़कर हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और किन्नर समाज के बुजुर्गों ने इसे बनाए रखा है. इसके माध्यम से किन्नर समाज में आपसी प्रेम, सम्मान और श्रद्धा की भावना और अधिक गहरी होती है.

संस्कृति और परंपरा का प्रतीक
किन्नर समाज की यह अनूठी परंपरा उनके जीवन में गहरी आस्था और समर्पण की भावना को दर्शाती है. यह न केवल उनकी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि इससे उनके समाज में एकता और प्रेम भी बना रहता है. धर्म की मां को समर्पित यह परंपरा उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रही है.

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अनोखे परंपरा के लिए प्रसिद्ध है खंडवा किन्नर समाज, जानिए क्या है इसकी विशेषता


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