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अयोध्या के महंत बोले- साईं कोई भगवान नहीं, वह मुस्लिम थे, मंदिरों से निकाली जाए उनकी मूर्तियां

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अयोध्या: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के मंदिरों से साई की मूर्तियों को हटाने की शुरुआत हो चुकी है. काशी के गणेश मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा हटाई गई. इसके पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम मंदिर सहित 10 मंदिरों से प्रतिमा हटाई जा चुकी है. इसके बाद अयोध्या के साधु संत इसका स्वागत भी कर रहे हैं.

अयोध्या के संत समाज ने की अपील
अयोध्या के संत समाज के लोग पूरे देश के सनातनियों से बड़ी अपील भी कर रहे हैं. संत समाज के लोगों ने कहा कि हम सनातन धर्म को मानने वाले लोगों से अपील करते हैं कि अपने घर, अपने मठ मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा को बाहर निकालें. संत समाज ने कहा कि साईं कोई भगवान नहीं है. साईं पीर हो सकते हैं साईं धर्म गुरु हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हो सकते हैं.

संत बोले- साईं कोई भगवान नहीं
इतना ही नहीं अयोध्या के संतों ने कहा कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ अथवा वेद पुराण में साईं को भगवान नहीं माना गया है. संतों ने कहा कि साईं मुस्लिम मजहब से थे, तो स्वाभाविक बात है कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को साईं की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए.

महंत राजू दास ने बताया
वहीं, सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बताया कि हम पूरे देश के सनातनियों से अपील कर रहे हैं कि साईं धर्म गुरु हो सकते हैं, पीर हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हो सकते हैं. मंदिरों से हमारे देवी देवता की मूर्ति हटाकर साईं की मूर्ति स्थापित करना गलत है. यह वेद संवद नहीं है. शास्त्र संबंध नहीं है. हम पूरे देश के सनातनियों से आवाहन करते हैं कि जिस भी मंदिर में साईं की प्रतिमा है. उसे बाहर निकालें.

महंत राजू दास ने कहा कि अयोध्या से भी इस मूर्ति को हटाना चाहिए. सभी सनातनियों को आगे जाकर इसमें भागीदारी करना चाहिए. साईं कोई देवी नहीं, कोई देवता नहीं हैं, जो लोग इनको भगवान मान रहे हैं. वह लोग मानें, लेकिन किसी मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित करना गलत है.

जगतगुरु परमहंस आचार्य बोले
तपस्वी छावनी जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि साईं मुस्लिम मजहब से थे, तो स्वाभाविक बात है कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को साईं की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए. परमहंस ने कहा कि साईं मुस्लिम समुदाय में पैदा हुए थे, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनको कोई तवज्जो दिया. क्योंकि मुस्लिम समाज में मूर्ति की पूजा हराम है.

उन्होंने कहा कि हिंदू भोले भाले होते हैं. कहीं भी जाकर माथा टेक सकते हैं. बनारस में जो अभियान चल रहा है. यह सही है. हम पूरे देश के सनातनियों से अपील करते हैं कि सभी लोग अपने-अपने घरों से साईं की प्रतिमा निकाल दें. अगर कोई साईं का मंदिर बनवाया है तो उसमें पवन पुत्र हनुमान की प्रतिमा को स्थापित करे. परमहंस आचार्य ने कहा कि जो भी साईं की पूजा करेगा उनका परलोक बिगड़ जाएगा.

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