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अष्टमी पूजन के बाद स्थापित नारियल का क्या करें? हरिद्वार के ज्योतिषी से जानिए शास्त्रों में लिखा उपाय

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ओम प्रयास/हरिद्वार: हिंदू धर्म में नवरात्रों का विशेष महत्व है, जहां शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा, व्रत, और मंत्र जाप का बड़ा महत्व होता है. नवरात्रों के दौरान देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए घट स्थापना, दुर्गा सप्तशती का पाठ, और 9 दिनों तक पूजा अर्चना की जाती है. घट स्थापना में कलश के ऊपर नारियल स्थापित करना अत्यंत आवश्यक होता है. अगर नारियल न स्थापित किया जाए तो देवी दुर्गा की पूजा और व्रत अधूरे माने जाते हैं. नवरात्रों के 9 दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, और इस दौरान नारियल की भी विशेष पूजा होती है.

नवरात्रि में स्थापित नारियल का क्या करें?
पूजा के बाद नारियल का क्या किया जाए, इस सवाल का जवाब हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री ने Bharat.one पर दिया है. उन्होंने बताया कि नवरात्रों के बिना नारियल की पूजा अधूरी मानी जाती है और फल प्राप्ति नहीं होती. नवमी या अष्टमी की पूजा में नारियल का प्रसाद नौ कन्याओं को देना और फिर परिवार के साथ उसे ग्रहण करना अत्यंत शुभ माना गया है. 9 दिनों तक देवी की पूजा के बाद नारियल पर देवी की कृपा होती है, जिससे यह नारियल विशेष रूप से शुभ बन जाता है.

नारियल का महत्व और उपयोग
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नारियल में ब्रह्मा, विष्णु, और शिव का वास होता है. नवरात्रों के दौरान इसका महत्व अत्यधिक होता है, इसलिए कन्या पूजन के समय इसे प्रसाद के रूप में नौ कन्याओं और परिवार में बांटना चाहिए. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, नारियल के छिलके को घर के दरवाजे पर लगाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता, जिससे घर की सुरक्षा बनी रहती है.

नारियल को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा
ज्योतिषाचार्य श्रीधर शास्त्री ने बताया कि कुछ भक्त नवरात्रि की पूजा समाप्त होने के बाद नारियल को अपने पूजा स्थल पर रखकर उसकी नियमित पूजा करते हैं. अगले नवरात्रि से पहले आने वाली अमावस्या के दिन उस नारियल को गंगा में प्रवाहित करना भी श्रेष्ठ माना गया है. ऐसा करने से देवी मां का आशीर्वाद भक्तों पर सदैव बना रहता है और घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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