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इस जगह की महिमा अपरंपार, बुजुर्ग बताते हैं कई चमत्कार, जिंदा समाधि करती है कल्याण

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Vishwanath Dham Ballia : इस जगह की धार्मिक मान्यता हैरान करने वाली है. इससे जुड़ा एक-एक किस्सा लोगों के जुबान पर है. बड़े-बुजुर्ग इस धाम की चमत्कारिक घटनाओं के बारे में बताते हुए नहीं थकते.

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बुढ़वा बाबा की जिंदा चमत्कारिक समाधि…

हाइलाइट्स

  • बलिया के गड़वार क्षेत्र में है विश्वनाथ धाम.
  • बुढ़वा बाबा ने यहीं ली थी जिंदा समाधि.
  • यहां के कुएं के जल से कुष्ठ रोग दूर होने की मान्यता है.

बलिया. एक ऐसी धार्मिक जगह जिसकी मान्यता हैरान करने वाली है. पूरा गांव एक स्थान की चमत्कारिक घटनाओं का वर्णन करता है. हम बात कर रहे हैं बलिया के गड़वार में स्थित बुढ़वा शिवाला की, जिसे विश्वनाथ धाम के नाम जाना जाता है. यहां का कुआं जादुई है. ग्रामीणों की मानें तो इसके जल से तमाम लोगों का कुष्ठ रोग दूर हुआ है. यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. इन दिनों यहां यज्ञ और प्रवचन हो रहा है. बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह और अजय सिंह कहते हैं कि इसी क्षेत्र के रहने वाले एक महान संत विश्वनाथ थे, जो बाद में बुढ़वा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए. उनकी इस समाधि का इतिहास कई सौ साल पुराना है. उन्हीं के नाम पर गांव का नाम बुढ़ऊ पड़ा.

यहीं ली थी जिंदा समाधि

गांव के रहने वाले महात्मा लाल बाबा के अनुसार, जब बुढ़वा बाबा इस मंदिर में आए तो उनको एक रोटी नहीं मिलती थी. आज वे दूसरों को रोटी दे रहे हैं. लाल बाबा यहां करीब 40 साल से पूजा-पाठ कर रहे हैं. यहीं उन्हें ज्ञान और प्रकाश मिला. वे कहते हैं कि यहीं पर बुढ़वा बाबा ने जिंदा समाधि ली थी. तब से ये जगह पूज्यनीज हो गई.

युवाओं में गहरी आस्था

यहां देश दुनिया से भक्त आते हैं. लाखों लोगों की आस्था इस समाधि स्थल से जुड़ी हुई है. युवाओं का भी इस स्थान में काफी विश्वास है. अमित सिंह और राणा सिंह बुढ़वा बाबा की कई चमत्कारिक घटनाओं के बारे में बताते हैं. स्थानीय बुजुर्गों की मानें तो यहां श्रद्धा और विश्वास के साथ जो भी आता है, उसकी मुरादें पूरी होती हैं. कोई यहां से खाली नहीं जाता है. कुछ लोगों ने बताया कि इस स्थान की कृपा से ही उसका वंश चल रहा है. किसी ने संतान प्राप्ति, धन और रोग मुक्ति इत्यादि का लाभ बताया.

अनेक चमत्कारिक घटनाएं

प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय कहते हैं कि इसी विश्वनाथ धाम यानी बुढ़वा शिवाला से कुछ दूरी पर महान संत जंगली बाबा का भी समाधि स्थल है. मान्यता है कि जंगली बाबा शेर पर बैठकर आ रहे थे तो बुढ़वा बाबा दीवाल पर बैठे दातून कर रहे थे. अचानक से दीवाल ही चल पड़ी. ये घटना काफी प्रसिद्ध है. यहां ऐसी अनेक चमत्कारी घटनाओं का वर्णन लोग करते हैं.

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इस जगह की महिमा अपरंपार, जिंदा समाधि करती है लोगों का कल्याण

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