Home Dharma कल या परसो…कब है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह, जानें शुभ योग,...

कल या परसो…कब है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह, जानें शुभ योग, समय और फायदे

0


Last Updated:

Tulsi Vivah 2025 : ज्योतिष में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह को खास मौका माना गया है. इस दिन व्रत रखने और तुलसी विवाह से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. हालांकि, इस बार एकादशी और तुलसी पूजन के समय और तारीख को लेकर संशय की स्थिति है. Bharat.one ने इस बारे में ज्योतिषाचार्य से बात की. आइये जानते हैं.

Tulsi Vivah 2025 Date/मिर्जापुर. हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का विशेष महत्त्व है. इस दिन सभी व्रत रखते हैं और तुलसी विवाह करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. जीवन में हर समस्या दूर होती है. हालांकि, इस बार एकादशी और तुलसी पूजन के समय और तारीख को लेकर संशय की स्थिति है. ऐसे में, Bharat.one ने विंध्यधाम के प्रकांड विद्वान और ज्योतिषाचार्य से व्रत रखने का दिन, पारण करने का समय और तुलसी पूजन के अमृत और पुष्कर योग के बारे में बात की. ज्योतिष विद्यवान अखिलेश अग्रहरि कहते हैं कि बहुत से लोगों के मन में शंका है कि एकादशी और तुलसी विवाह कब है. हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी श्री हरि विष्णु योग निद्रा से जागते हैं. इसी दिन गौधुली बेला में तुलसी का विवाह होता है, जो शालिग्राम से होता है.

बेहद शुभकारी मुहूर्त नहीं

ज्योतिष अखिलेश अग्रहरि के अनुसार, इस वर्ष एकादशी और तुलसी विवाह के शुभ योग नहीं बन रहे हैं. एक नवंबर को 9 बजकर 13 मिनट से एकादशी लग रही है. लेकिन साथ में भद्रा भी लग रहा है. कई पंचागों के अनुसार अलग-अलग मत हैं. हर पंचाग में अलग-अलग समय तय हुआ है. भद्रा मृत्यु लोक है. ऐसे में इस मुहूर्त में विवाह उचित नहीं माना गया है. इसका विपरीत फल मिलेगा. 1 नवंबर को एकादशी का व्रत रख सकते हैं. उसका पारण 2 नवंबर को 7 बजकर 33 मिनट के बाद किया जा सकता है. यदि तुलसी विवाह करना चाहते हैं तो 1 नवंबर को 6 बजकर 31 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट के लिए कर सकते हैं. हालांकि, यह बेहद ही शुभकारी मुहूर्त नहीं है.

जानिए शुभ मुहूर्त

ज्योतिष अखिलेश अग्रहरि के अनुसार, तुलसी विवाह के लिए अमृत योग 2 नवंबर को है. 2 नवंबर को तुलसी पूजा के लिए ब्रह मुहूर्त 4 बजकर 50 मिनट से लेकर 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त आ रहा है जो 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. तत्पश्चात, विजय मुहूर्त है जो 1 बजकर 55 मिनट से दो बजकर 39 मिनट तक और दुधली मुहूर्त 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर एक मिनट तक शाम में रहेगा. अमृतकाल भी है, जो 9 बजकर 29 मिनट से 11 बजे तक रहेगा और पुष्कर योग 7 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.

तुलसी पूजा का फल

ज्योतिष अखिलेश बताते हैं कि तुलसी पूजन का विशेष फल मिलता है. इस दिन तुलसी नमष्टक का जाप किया जाए तो नर्क से मुक्ति मिलती है. भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. तुलसी विवाह से सुख, समृद्धि, शौभाग्य व शांति की प्राप्ति होती है. यह किसी को कन्या नहीं है तो उसे कन्यादान के बराबर का फल प्राप्त होता है. जो निसंतान है, उन्हें तुलसी विवाह करने से संतान की प्राप्ति होती है. जीवन से दरिद्रता दूर होती है और धन-धान्य की प्राप्ति की होती है. इस दिन घर में रामायण या विष्णु भगवान से जुड़े हुए पाठ कराने से विशेष कृपा बरसती है.

Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

कल या परसो…कब है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह, जानें शुभ योग और फायदे

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version