Home Dharma काशी के इस कुंड में विज्ञान का चमत्कार भी है फेल! बिना...

काशी के इस कुंड में विज्ञान का चमत्कार भी है फेल! बिना IVF के भर सकती है माताओं की सूनी गोद, जानें इतिहास

0


वाराणसी: काशी में कई ऐसी जगह हैं, जो चमत्कारी हैं. इन जगहों पर विज्ञान भी फेल साबित हो जाता है. वैसे तो बांझपन और निसंतान दंपति अपनी सूनी गोद भरने के लिए आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन काशी में एक ऐसा प्राचीन और ऐतिहासिक कुंड है. जहां एक खास तिथि पर स्नान से माताओं की सूनी गोद भर जाती है. इतना ही नहीं यहां स्नान से कुष्ठ और चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है.

काशी में इस तीर्थ का सीधा कनेक्शन भगवान सूर्य से है. कहा जाता है कि भगवान सूर्य ने इस जगह पर हजारों साल तपस्या की थी. ऐसी मान्यता है कि आज सूर्य की पहली किरण इसी जगह पर पड़ती है.  यह जगह सूर्य और मां गंगा का तीर्थ स्थल है. कहा जाता है गढ़वाल के राजा को भी 9वीं सदी में यहां स्नान से संतान की प्राप्ति हुई थी.

लोलार्क छठ के दिन होती है विशेष ऊर्जा
काशी के इतिहास के जानकार बीएचयू के प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को यहां देशभर के भक्तों की भीड़ लगती है. यह स्थान काशी के द्वादश आदित्य में से एक है. यहां लोकाकेश्वर महादेव का मंदिर भी है. लोलार्क षष्टी के दिन सूर्य की विशेष किरण इस कुंड पर पड़ती है और मां गंगा की एनर्जी भी बढ़ जाती है, जिससे इस दिन स्नान से यहां नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है.

60 फीसदी केस में मिली है सफलता
प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि 60 फीसदी केस में ऐसे तथ्य पाए गए हैं कि यहां स्नान के नि:संतान दंपति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. कई रिसर्च में ऐसे तथ्य सामने आए हैं. यही वजह है कि लोलार्क षष्टी के दिन यहां लाखों दंपति स्नान के लिए आते हैं.

9 सितंबर को है लोलार्क छठ
मंदिर के पुजारी रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि 9 सितंबर को इस बार लोलार्क छठ है. इस बार 8 सितंबर की रात्रि 12 बजे से स्नान शुरू होगा, जो सोमवार को पूरे दिन चलेगा. इस कुंड में स्नान के दौरान एक फल भी वैवाहिक दंपति को इस कुंड में प्रवाहित करना होता है. फिर पूरे एक साल तक उस फल का सेवन नहीं करना होता है. एक बार जिन माताओं की सूनी गोद यहां स्नान के बाद भर जाती है, वो अपनी मन्नत उतारने यहां दोबारा आती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version