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कुंडली में चंद्रमा की स्थिति जीवन पर गहरा असर डालती है, कमजोर चंद्रमा मानसिक तनाव और अस्थिरता की वजह बन सकता है. देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने चंद्रदोष के लक्षण बताए और इससे बचाव के आसान उपाय भी साझा किए.
देवघर. हमारी कुंडली का जन्म के समय ग्रह नक्षत्र की स्थिति देखकर ही निर्माण किया जाता है. सौरमंडल में नौ ग्रह हैं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सभी का अपना-अपना महत्व होता है. 9 में से एक चंद्रमा भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही हो तो जीवन में जातक हमेशा तरक्की ही करता है. लेकिन अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही ना हो तो जातक के जीवन में कई सारी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं. जिसे चंद्रदोष भी कहते हैं. तो चलिए चंद्र दोष के क्या है लक्षण और इससे बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे जीवन में चंद्रमा का बेहद खास महत्व होता है. अगर कुंडली का चंद्रमा शुभ ग्रह और शुभ स्थिति में है तो व्यक्ति की मानसिक शक्ति और उसका संतुलन अच्छा रहता है. वहीं अगर कुंडली का चंद्रमा दूषित है या जातक चंद्र दोष से प्रभावित है तो अनेक प्रकार की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
चंद्रदोष होने से जातक को इन परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है
कुंडली का चंद्रमा कमजोर होने पर सबसे पहले व्यक्ति की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है. इसके साथ ही इंसान के स्वभाव और व्यवहार में परिवर्तन होने लगता है. जातक छोटी-मोठी बातों से भी परेशान होने लगता है. भावुकता का लक्षण नजर आने लगता है. निर्णिय लेने की क्षमता प्रभावित होती है. अगर सेहत की बात करें तो चंद्रमा से प्रभावित जातक के सर्दी, जुकाम बराबर परेशान करता है. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इसके अलावा स्मरण शक्ति भी प्रभावित होती है.
चंद्र दोष से बचने के क्या हैं उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सोमवार की रात को चंद्रमा की रोशनी में खड़े होकर एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें कच्चा दूध और चावल डालें. यह जल चंद्रमा को अर्पित करें और मानसिक शांति की प्रार्थना करें. यह उपाय चंद्र दोष के कारण उत्पन्न मानसिक अस्थिरता को कम करने में सहायक है. इसके साथ ही किसी महीने के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा के दिन दाए हाथ के कानी उंगली में चांदी के अंगूठी में मोती धारण कर ले. इससे मन भी एकदम शांत रहेगा और चंद्र दोष से छुटकारा मिल जाएगा.
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