खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन में एक ऐसा मंदिर है, जहां नवरात्रि के दौरान गरबा उत्सव में पुरुष गरबा करते हैं और महिलाएं दूर बैठकर इसका आनंद लेती हैं. इसमें महिलाओं को शामिल होने की इजाजत नहीं है. दरअसल, शहर के करीब 300 साल प्राचीन बाकी माता मंदिर में नौ देव शक्तियां विराजित हैं. यहां शाम के समय आरती के बाद माता की परिक्रमा की जाती है. इस परिक्रमा में सिर्फ पुरुष ही शामिल होते हैं और पारंपरिक गुजराती गरबियों पर बिना डांडिया के गरबा करते हैं.
मंदिर के पुजारी सुबोध जोशी ने Bharat.one को बताया कि मंदिर में पुरुषों द्वारा गरबा करने की यह अनोखी परंपरा लगभग डेढ़ से दो सौ साल पुरानी है, जिसका आज भी निर्वहन किया जा रहा है. इसमें पुराने समय की सात गुजराती गरबिया शामिल हैं. इन्हीं गरबियों को गाते हैं और झांझ-मंजीरे, ढोल की थाप पर गरबा करते हैं. इस दौरान कोई पुरुष डांडिया का उपयोग नहीं करते हैं. पुराने स्वरूप में हाथों से ही गरबा करते हैं.
इसलिए महिलाएं नहीं करती थीं गरबा
पुजारी जी ने बताया कि यहां पुरुषों के गरबा करने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जाती है कि पुराने समय में लज्जा, हया, मर्यादा का विशेष ध्यान रखा जाता है. महिलाओं द्वारा लंबा घूंघट करने की प्रथा थी. साथ ही महिलाओं और पुरषों के बीच डिस्टेंस भी मेंटेन किया जाता था. सार्वजनिक तौर पर खुलेआम घरेलू महिलाओं का पुरषों के समाने नाचने से परहेज किया जाता था.
पूर्वजों द्वारा शुरू परंपरा का निर्वहन
इसलिए नवरात्रि में मां की आराधना के लिए पुरुष ही गरबा करते थे और महिलाएं दूर बैठकर इसका आनंद लेती थी. हालांकि, आज के दौर में रूढ़ीवादी परंपराओं की जंजीरों को तोड़ते हुए महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. वक्त के साथ बदलाव हुए और अब महिलाएं गरबा करती हैं. पुरुष बैठकर आनंद लेते हैं. परंतु, बाकी माता मंदिर में आज भी पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपरा को निभाया जा रहा है. यहां आज भी पुरुष ही गरबा करते हैं, महिलाएं शामिल नहीं होतीं.
FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 14:06 IST
