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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2025: जानिए हिंदू नववर्ष का रहस्य, ब्रह्मा जी की सृष्टि रचना और वो 3 चीजें जो सालभर रखेंगी आपको निरोगी

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दीपक पांडेय, खरगोन: 30 मार्च 2025, रविवार—यह तारीख इस बार सिर्फ एक कैलेंडर डे नहीं होगी, बल्कि एक आध्यात्मिक नवप्रारंभ का प्रतीक होगी. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, जिसे हम गुड़ी पड़वा के नाम से भी जानते हैं, हिंदू धर्म में नववर्ष की शुरुआत का पर्व है. यह दिन सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और ऊर्जा के स्तर पर भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

धार्मिक मान्यता: सृष्टि का आरंभ
सनातन धर्म में यह दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी. ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज मेहता, जो मंडलेश्वर (खरगोन) के प्रसिद्ध विद्वान हैं, बताते हैं कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, इसी दिन परम ब्रह्म ने साकार रूप धारण कर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के त्रिविध स्वरूप बनाए. ब्रह्मा जी ने आगे चलकर सृष्टि का संचालन शुरू किया.

खगोलीय रहस्य: ग्रहों की रेखा में शुरुआत
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि की रचना होनी थी, तब पहले तारामंडल की कल्पना की गई. सभी ग्रहों को एक सीध में एक राशि में लाकर ऐसे खड़ा किया गया जैसे किसी दौड़ से पहले खिलाड़ी खड़े होते हैं. यहीं से सृष्टि को गति मिली और ब्रह्मांड का चक्र शुरू हुआ.

इस दिन क्या करें?
अगर आप लंबी आयु, सुख-शांति और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं, तो इस दिन अपने इष्ट देव की पूजा, चिरंजीवियों का आशीर्वाद, और विशेष संकल्प लेना शुभ होता है. यह दिन आपके आध्यात्मिक और भौतिक जीवन के बीच संतुलन बनाने का उत्तम अवसर है.

स्वास्थ्य के लिए अमृत समान तीन चीजें
इस दिन एक विशेष प्रसाद खाने की परंपरा है—गुड़, धनिया और नीम की पत्ती. पंडित मेहता बताते हैं कि यह त्रिसंयोग सिर्फ परंपरा नहीं, एक प्राकृतिक औषधीय सूत्र है.

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य बताते हैं कि:

नीम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, त्वचा रोगों से बचाता है.

गुड़ शरीर में आयरन की पूर्ति करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है.

धनिया पाचन शक्ति को मज़बूत करता है और शरीर की गर्मी संतुलित करता है.

इस एक दिन का सेवन सालभर आपकी सेहत को संबल दे सकता है. इसलिए इस ब्रह्मांडीय नववर्ष को केवल पर्व न मानें, बल्कि इसे एक शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि का दिन समझें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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