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Basant Panchami 2025: नए सेशन से आप भी अपने बच्चे का एडमिशन स्कूल में कराने जा रहे हैं तो इस बार बसंत पंचमी पर एक संस्कार जरूर पूरा करा दें. पंडित जी का दावा है कि इस संस्कार के प्रभाव से बच्चा खूब तरक्की करेगा…और पढ़ें
बसंत पंचमी पर बच्चों का ये संस्कार जरूर कराएं.
हाइलाइट्स
- बसंत पंचमी पर बच्चों से जुड़े संस्कार जरूर कराएं
- बच्चों के लिए अक्षर लेखन और नामकरण संस्कार जरूरी
- सागर के सरस्वती मंदिर में निशुल्क संस्कार का आयोजन
सागर: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है. मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि , संगीत, कला और संस्कार की देवी के रूप में पूजा जाता है. बुंदेलखंड के सागर में मध्य प्रदेश का इकलौता मंदिर है, जहां मां सरस्वती की उत्तर मुखी एकल प्रतिमा विराजमान है. 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर यहां पर भव्य कार्यक्रम होता है.
हजारों लोग शामिल होते हैं. यहां सनातन संस्कृति में बताए गए 16 में से 14 संस्कार बसंत पंचमी के दिन कराए जाते हैं. विशेष रूप से जिन बच्चों का इस साल स्कूल में एडमिशन कराया जाना है या जो बच्चे बोलना शुरू करेंगे, उनके लिए वेद आरंभ, अक्षर लेखन, वाक्य विन्यास, नामकरण कर्णवेधन जैसे प्रमुख संस्कार माता-पिता अपने संतान का कराते दिखते हैं. यह सब मंदिर की तरफ से निशुल्क रहता है.
ऐसे कराए जाते हैं संस्कार
सागर के इतवारा बाजार में स्थित मातेश्वरी सरस्वती मंदिर के पुजारी पंडित यशो वर्धन चौबे बताया कि अक्षर लेखन के लिए बच्चों के लिए मंदिर की तरफ से ही स्लेट पेंसिल दी जाती है, उस पर अक्षर लिखवाया जाता है, ऐसे ही वर्ण में वाक्य विन्यास के लिए अनार की लकड़ी और शहद से बच्चों की जीभ पर अक्षरों के हलांत लिखकर संस्कार को करते हैं. इसके अलावा निम्न संस्कार भी होते हैं.
नामकरण संस्कार: अक्षय का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो अर्थात जो अमर हो जैसे मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा और हिंदू संस्कार है, वैसे ही शिशु में नाम की प्रतिष्ठा भी एक संस्कार है.
निष्क्रमण संस्कार: जीवन यात्रा में दुर्घटनाओं और आपदाओं का भय बना रहता है, ऐसे में सभी देवताओं से शेष जीवन भर सभी स्थानों पर सुरक्षा की कामना का संस्कार प्रयोजन है.
अन्नप्राशन: अपनी संतान के उत्तम पाचन के लिए जीवन पर्यंत शुभ-शुद्ध अन्य की प्राप्ति के लिए परमपिता परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए यह संस्कार होता है.
मुंडन संस्कार: हिंदू मान्यता के अनुसार मस्तिष्क को ठंडा शिखा का स्थान गर्म होना चाहिए जो मुंडन से प्राप्त होता है.
विद्यारंभ संस्कार: हम अपनी संतान की बुद्धि पर बढ़ाने और विद्या अध्ययन प्रारंभ करने के लिए मातेश्वरी को प्रसन्न करने के लिए यह करते हैं.
Sagar,Madhya Pradesh
February 01, 2025, 07:59 IST
बच्चे का स्कूल में एडमिशन से पहले बसंत पंचमी पर करा दें ये संस्कार, फिर…
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