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दीपावली नहीं, यहां होली पर होती है रामलीला! 165 साल पुरानी परंपरा, जब फागुन में जलती है लंका और होता है रावण वध

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बरेली में 165 वर्षों से होली पर ऐतिहासिक रामलीला बारात का आयोजन होता है. यह रामलीला UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है. इस साल इसका समापन 26 मार्च को होगा.

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बरेली में होली पर आयोजित होती है रामलीला.

हाइलाइट्स

  • बरेली में 165 साल पुरानी रामलीला का आयोजन होली पर होता है.
  • रामलीला का समापन 26 मार्च को भव्य समारोह के साथ होगा.
  • यह रामलीला UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है.

बरेली: होली के करीब आते ही उत्सव का माहौल बन जाता है. यह त्योहार सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है. इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसी ऐतिहासिक और पारंपरिक रामलीला बारात के बारे में बता रहे हैं, जो पिछले 165 वर्षों से लगातार आयोजित होती आ रही है.
बरेली की यह ऐतिहासिक रामलीला और राम बारात दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस साल 26 मार्च को भव्य समापन समारोह के साथ इसका मंचन समाप्त होगा. यह 165 साल पुरानी रामलीला बरेली के छोटी बबनपुरी इलाके में होली के अवसर पर आयोजित की जाती है.

UNESCO की विश्व धरोहर सूची में है शामिल
यह राम बारात बिहारीपुर, छोटी बबनपुरी इलाके में आयोजित की जाती है. यह सिर्फ एक नाट्य मंचन नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और भक्ति का प्रतीक बन चुकी है. होली से एक दिन पहले, यह बारात नर्सिंग मंदिर से निकलकर पूरे शहर में भ्रमण करती है.
खास बात यह है कि UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल इस रामलीला में अयोध्या से आए कलाकार 18 दिनों तक तुलसीदास कृत रामचरितमानस का जीवंत मंचन करते हैं.

165 वर्षों से चली आ रही यह ऐतिहासिक परंपरा
आयोजन समिति के अध्यक्ष राजू मिश्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम 165 वर्षों से आयोजित होता आ रहा है. उन्होंने कहा, “यह राम बारात विश्व धरोहर है और इसे वर्ल्ड हेरिटेज में भी मंचन किया गया है. यह 8 मार्च से 26 मार्च तक चलती है. सावन मास की यह रामलीला सुख-शांति का प्रतीक है.”
वहीं सर्वेश रस्तोगी ने बताया कि “यह राम बारात पूरी दुनिया में सिर्फ बरेली में ही निकलती है.” इसमें सभी कलाकार अयोध्या से आते हैं, जो रामलीला को नाट्य रूप में दर्शाते हैं. खास बात यह है कि इसमें किसी भी तरह का फोक डांस नहीं होता.

रामलीला से सीखें भाईचारे की भावना
रामलीला में श्री राम का किरदार निभा रहे सत्यम गोस्वामी ने कहा, “इस रामलीला का उद्देश्य लोगों को उनकी संस्कृति से जोड़ना है.” वहीं, लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे विमल कुमार ने कहा, “राम और लक्ष्मण के बीच जो स्नेह था, वही सभी भाइयों को एक-दूसरे के प्रति रखना चाहिए.”

होली से पहले निकलती है राम बारात
होली के मौके पर बरेली में 165 वर्षों से चली आ रही इस रामलीला बारात का आयोजन किया जाता है. यह परंपरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि विश्व धरोहर के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना चुकी है. इस साल 26 मार्च को इसका समापन होगा.

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