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दुनिया को प्रेम सिखाने वाले पोप फ्रांसिस के निधन के बाद दिल्ली के चर्च में पसरा मातम, गम में डूबे नजर आए लोग!

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Pope Francis death: पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वेटिकन ने पुष्टि की. दिल्ली के सेंट मैरी चर्च में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई. पोप ने प्रेम और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया.

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पोप फ्रांसिस के निधन के बाद दिल्ली के चर्च में शोक में डूबे नजर आए लोग

हाइलाइट्स

  • पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन.
  • दिल्ली के सेंट मैरी चर्च में श्रद्धांजलि सभा आयोजित.
  • पोप ने प्रेम और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया.

दिल्ली: धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. वह 88 वर्ष के थे. बीते दिनों उनकी तबीयत गंभीर रूप से खराब हो गई थी और हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी. वेटिकन ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन की पुष्टि की. इस खबर के सामने आते ही दुनियाभर में क्रिश्चियन धर्म को मानने वाले लोग शोक में डूब गए.
दिल्ली के सेंट मैरी चर्च में भी पोप फ्रांसिस के लिए विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन की शिक्षाओं को याद किया.

दुनिया को प्रेम करना सिखाया
सेंट मैरी चर्च के फादर थॉमस ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने पूरी दुनिया को प्रेम और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया. उन्होंने बताया कि पोप के निधन की खबर सुनते ही उनका दिल टूट गया. चर्च में उन्होंने पोप फ्रांसिस की आत्मा की शांति और पूरी दुनिया के सुख-शांति के लिए विशेष प्रार्थना भी करवाई. फादर थॉमस इस दौरान भावुक नजर आए.
चर्च में मौजूद श्रद्धालुओं ने कहा कि भले ही पोप अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सिखाई गई बातें हमेशा हमारे साथ रहेंगी. श्रद्धालुओं ने एक साथ मिलकर प्रार्थना की और मोमबत्तियों के साथ उनकी तस्वीर के सामने श्रद्धांजलि अर्पित की.

कौन थे पोप फ्रांसिस?
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स शहर में हुआ था. उनका असली नाम जोर्गे मारियो बर्गोलियो था. वह पहले ऐसे पोप थे जो जेसुइट ऑर्डर से जुड़े थे.
धार्मिक जीवन अपनाने से पहले उन्होंने एक केमिकल टेक्नीशियन के तौर पर काम किया और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में लंबा समय बिताया. इसी दौरान उनका रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ा और उन्होंने चर्च की राह पकड़ ली. साल 1969 में उन्हें फादर नियुक्त किया गया.
13 मार्च 2013 को पोप फ्रांसिस को कैथोलिक चर्च और वेटिकन सिटी राज्य का सर्वोच्च धर्मगुरु नियुक्त किया गया. उन्होंने पूरे विश्व में मानवता, सहिष्णुता और प्रेम का संदेश फैलाया.

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