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पितरों के तर्पण से लेकर संतान की प्राप्ति तक, खास है सोमवती अमावस्या, जानें पूजा का महत्व, विधि व उपाय


खरगोन. हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है, और जब यह सोमवार को पड़ती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस वर्ष सोमवती अमावस्या 2 सितंबर 2024 को सुबह 5:21 बजे शुरू होगी और 3 सितंबर 2024, सुबह 7:24 बजे समाप्त होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पितरों के तर्पण, पूजा और दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. पवित्र नदियों में स्नान करने और दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

सोमवती अमावस्या का महत्व
खरगोन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज मेहता local 18 को बताते हैं कि सोमवती अमावस्या विशेष रूप से पितरों की तिथि मानी जाती है. सोमवार को आने वाली अमावस्या को शास्त्रों में ‘अमृतमय अमावस्या’ भी कहा गया है. इस दिन चंद्रमा की कलाएं विलुप्त हो जाती हैं और सूर्य की सभी शक्तियां प्रभावी हो जाती हैं, जिससे दान, पूजा, और उपासना का महत्व और भी बढ़ जाता है.

अक्षय पुण्य प्राप्ति का दिन
शास्त्रों के अनुसार, सोमवार को किए गए सभी कार्य अक्षय हो जाते हैं. पंडित मेहता बताते हैं कि सोमवती अमावस्या पर पितरों के तर्पण से उन्हें पूर्ण तृप्ति मिलती है और पुण्यफल अक्षय हो जाता है. यह दिन संतान प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है. जिनके घर में संतान नहीं हो रही है, वे इस दिन पितरों और देवताओं की पूजा करके अपनी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं. महा भारत में भी वर्णन आया है की इस दिन किया गया पुण्य अक्षय होता है और वनवास के दौरान पांडव पुत्रों ने भी सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा की थी.

वनस्पतियों का सिंचन और पुण्य लाभ
शास्त्रों में सोम का अर्थ होता है चंद्रमा और चंद्रमा वनस्पतियों के राजा माने गए है. सोमवती अमावस्या के दिन वनस्पतियों का सिंचन करना भी लाभकारी होता है. विशेष रूप से पीपल, बरगद और पलास वृक्ष का सिंचन और पूजन करने से पितरों को विशेष पुण्य प्राप्त होता है. पलास वृक्ष चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसका पूजन ज्यादा लाभकारी माना गया है.

सोमवती अमावस्या पर क्या न करें
1. मांसाहार और शराब का सेवन न करें.
2. किसी भी जीव-जंतु को परेशान न करें.
3. किसी का अनादर न करें और शुभ कार्य, जैसे शादी या सगाई, न करें.
4. पितृ दोष उत्पन्न करने वाले कार्यों से बचें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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