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पितृपक्ष में भूल से भी ना खरीदें ये चीजें, वरना लग जाएगा भयंकर दोष! उज्जैन के आचार्य से जान लें नियम

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Pitru Paksha 2025 Start Date: पितृ पक्ष को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. यह 15 दिनों तक चलता है जहां लोग पूर्वजों की शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. पितृ पक्ष में पूर्वजों के नाम से दान-पु…और पढ़ें

Pitru Paksha 2025. हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष विशेष महत्व रखता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है. आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है. पितृ पक्ष में पितरों को याद कर सम्मान प्रदान किया जाता है. पितृपक्ष में लोग 15 दिनों के दौरान, पितरों को याद कर उनके निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं. पितृ पक्ष के दौरान कई बार हम ऐसी गलती कर देते हैं, जिससे दान-पुण्य करने के बाद भी पाप के भागीदारी बन जाते हैं. आइए जानते हैं उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से पितृ पक्ष के दौरान किन कार्यों करने की मनाही है.

क्या होता है पितृदोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती, तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंश के लोगों को कष्ट देती हैं. इसी को ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष कहा गया है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मृत्यु लोक पर हमारे पूर्वजों की आत्माएं अपने परिवार के सदस्यों को देखती रहती हैं और पितृ पक्ष के दौरान धरती पर आकर अपने वंशजों को आर्शीवाद देती हैं. इस दौरान कई ऐसे काम हैं जिन्हें भूल से भी नहीं करना चाहिए.

भूलकर भी ना करें पितृ पक्ष में ये काम
पितृपक्ष के दौरान कुछ खास बातों का हमें ध्यान रखना होगा. इन दिनों में जूते, चप्पल, कपड़े खरीदना वर्जित हैं. इस समय में विवाह, सगाई समारोह आदि नहीं करना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. साथ ही तामसिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए. इन दिनों में खासकर प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, मछली खाने से बचना चाहिए. इस समय में आप सोना, चांदी भी न खरीदें. यह भी अशुभ माना गया है. इस समय आप जितना हो सके धार्मिक कार्य करें. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें. किसी व्यक्ति के साथ गलत व्यवहार न करें और बड़ों का सम्मान करना चाहिए.

इन मंत्रों के जाप से ख़ुश होंगे पूर्वज 
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
3. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

Dallu Slathia

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें

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पितृपक्ष में भूल से भी ना खरीदें ये चीजें, वरना लग जाएगा भयंकर दोष!

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